मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच चल रहे भूमि विवाद पर आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक महत्वपूर्ण सुनवाई होने जा रही है।
मथुरा मंदिर-मस्जिद विवाद : मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज सुनवाई
Sep 23, 2024 13:57
Sep 23, 2024 13:57
हिंदू समुदाय का दावा
एक ओर हिंदू समुदाय का दावा है कि वर्तमान शाही ईदगाह मस्जिद का स्थान वास्तव में भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है, जबकि दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय इस दावे का विरोध करता है। यह विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। हाल ही में, हिंदू पक्ष ने इस मामले से संबंधित डेढ़ दर्जन से अधिक याचिकाएँ दायर की थीं। इन याचिकाओं में मुख्य रूप से मस्जिद स्थल को कृष्ण जन्मभूमि घोषित करने और वहाँ पूजा-अर्चना की अनुमति देने की मांग की गई थी। लेकिन अब मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिकॉल अर्जी दाखिल की है और हिंदू पक्ष द्वारा दायर सभी याचिकाओं को रद्द करने की मांग की गई है। अदालत आज इस मामले में फैसला कर सकती है।
मथुरा विवाद में डे टू डे सुनवाई हो सकती है
आज की सुनवाई में मथुरा के मंदिर-मस्जिद विवाद पर डे टू डे बेसिस पर ट्रायल किए जाने की मांग पर भी बहस हो सकती है। इससे पहले 4 सितंबर 2024 को हुई पिछली सुनवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अस्थायी राहत दी थी और हिंदू पक्ष की याचिकाओं के ट्रायल से पहले शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी की रिकॉल अर्जी पर सुनवाई का निर्णय लिया था। अदालत ने इस मामले में हिंदू पक्ष से जवाब तलब किया था और अब उस पर चर्चा होनी है। मुस्लिम पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने बहस का नेतृत्व किया था। उन्होंने अदालत से अपील की थी कि पहले रिकॉल अर्जी का निपटारा किया जाए, उसके बाद ही अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाए।
अदालत ने मुस्लिम पक्ष की आपत्तियों को किया था खारिज
इससे पहले अगस्त 2024 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष द्वारा दाखिल आपत्तियों को खारिज कर दिया था। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा था कि हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल की गई याचिकाओं में कानूनी आधार हैं और उनकी सुनवाई की जानी चाहिए। मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर कई मुकदमे दायर किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश मुकदमे हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल किए गए थे। इन मुकदमों में शाही ईदगाह मस्जिद को श्रीकृष्ण जन्मस्थान बताते हुए भूमि के स्वामित्व का दावा किया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जनवरी 2024 में इन याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करने का आदेश दिया था। यह निर्णय हिंदू पक्ष के अनुरोध पर लिया गया था। जिसमें दावा किया गया था कि सभी याचिकाओं में मुद्दे समान हैं और उन्हें एक साथ सुना जाना चाहिए। इस आदेश को शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी ने चुनौती दी और रिकॉल अर्जी दाखिल की, जिसमें अदालत से अपील की गई कि इस फैसले को वापस लिया जाए।
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मुस्लिम पक्ष की रिकॉल अर्जी पर सुनवाई
आज की सुनवाई में सबसे अहम मुद्दा शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी की रिकॉल अर्जी पर होगा। मस्जिद कमेटी का कहना है कि एक साथ सभी याचिकाओं की सुनवाई से उनका पक्ष कमजोर हो सकता है, और हर याचिका को अलग-अलग सुनना चाहिए। दूसरी ओर, हिंदू पक्ष का तर्क है कि सभी याचिकाओं में मुद्दे एक जैसे हैं, इसलिए उन्हें एक साथ निपटाना ही उचित है। मुस्लिम पक्ष की ओर से तसनीम अहमदी ने अदालत के समक्ष दलील दी कि जब तक उनकी रिकॉल अर्जी का समाधान नहीं हो जाता, तब तक ट्रायल शुरू नहीं होना चाहिए। अदालत ने भी इस बात को स्वीकार किया और कहा कि पहले रिकॉल अर्जी का निपटारा किया जाएगा। उसके बाद ही अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।
हलफनामा दाखिल करने की हो सकती है मांग
आज की सुनवाई में हिंदू पक्ष की ओर से अतिरिक्त हलफनामा भी दाखिल किया जा सकता है। पिछली सुनवाई में हिंदू पक्ष के वकील हरे राम त्रिपाठी ने अदालत से हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा था। अदालत ने इसे स्वीकार किया था और आज की सुनवाई में यह हलफनामा दाखिल हो सकता है। इसके साथ ही अदालत से यह भी अपील की गई थी कि मामले की सुनवाई डे टू डे बेसिस पर की जाए, ताकि विवाद का जल्द से जल्द निपटारा हो सके।
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