वृंदावन में पेड़ों की कटाई : प्रेमानंद महाराज ने कह दी ये बड़ी बात, जताया रोष

प्रेमानंद महाराज ने कह दी ये बड़ी बात, जताया रोष
UPT | वृंदावन में पेड़ों की कटाई पर प्रेमानंद महाराज ने जताया रोष।

Oct 02, 2024 14:15

वृंदावन के के छटीकरा मार्ग पर 36 एकड़ क्षेत्र में फैले डालमिया बाग में 454 पेड़ों को रातोंरात काटा गया था। इसके अलावा राष्ट्रीय पक्षी मोर के अलावा अन्य वन्य जीवों की जान भी ली गई...

Oct 02, 2024 14:15

Mathura News :  वृंदावन के छटीकरा मार्ग पर 36 एकड़ क्षेत्र में फैले डालमिया बाग में 454 पेड़ों को रातोंरात काटा गया था। इसके अलावा राष्ट्रीय पक्षी मोर व अन्य वन्य जीवों की जान भी ली गई। डालमिया बाग में गुरु कृपा तपोवन नाम से कालोनी बनाने के लिए रातों-रात बड़े पैमाने पर हरे पेड़ों की कटाई कर दी गई। पेड़ों की कटाई के मामले में वृंदावन के साधु संतों ने भी रोष जताया हैं। इसी को लेकर विश्व विख्यात संत प्रेमानंद महाराज ने रोष प्रकट किया है।

वृंदावन के पेड़ महात्मा हैं, इन्हें काटना पाप है

प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि विश्व में सबसे बड़ा भाग्यशाली वही, जिसने वृंदावन को अपना मान लिया. मेरो वृंदावन, सर्वस्व वृंदावन, प्राण वृंदावन, जीवन वृंदावन का मन में भाव होना चाहिए।प्रेमानंद महाराज ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस पवित्र भूमि से वृक्षों को काटने वाले का सर्वनाश हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ब्रज के वृक्ष एक प्रकार के महात्मा हैं और उनकाे काटना घोर पाप है।

यहां रज का महत्व है रोड का नहीं
प्रेमानंद महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि वृंदावन ब्रज की लता की एक शाखा काटने पर करोड़ों ब्रह्म हत्या का पाप और करोड़ों गाय की हत्या का पाप लगता है। बड़े-बड़े वृक्ष पीपल, बरगद, नीम आदि के वृक्ष काट दिए गए। यह बड़े ही दुख की बात है। गोवर्धन या चौरासी कोस की परिक्रमा लगाने के दौरान पहले वृक्षों के नीचे लेट जाने से पूरी थकान मिट जाती थी और आज तो कंक्रीट बिछ जाने से पैर छलनी हो जाते हैं। यहां रज का महत्व है, रोड का महत्व नहीं। आधुनिकता बढ़ती चली जा रही है।

लताओं से है इस धाम की पहचान
संत ने चेतावनी दी कि वृंदावन की लताओं को मत छेड़ो, यह लताएं और पेड़-पौधे इस धाम की पहचान है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई निर्माण कार्य होता है, पहले लताओं को काटा जाता है, जो इस पवित्र क्षेत्र की आत्मा हैं। प्रेमानंद महाराज ने यह भी कहा कि भगवान के धाम की रक्षा होनी चाहिए। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वृक्षों की कटाई पर विचार करें, क्योंकि यह न केवल भौतिक नुकसान है, बल्कि आध्यात्मिक हानि भी है। उनकी बातों से स्पष्ट है कि वृंदावन के वृक्षों की रक्षा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से आवश्यक है, बल्कि यह पूरे बृज क्षेत्र की संस्कृति और पहचान के लिए भी महत्वपूर्ण है।

यह है पूरा मामला
वृंदावन के छटीकरा मार्ग पर 36 एकड़ क्षेत्र में फैले डालमिया बाग में 454 पेड़ों को रातोंरात काटा गया था। इसके अलावा राष्ट्रीय पक्षी मोर व अन्य वन्य जीवों की जान भी ली गई। वन विभाग की टीम को जांच में 128 मोरपंख, मृत सांप के अवशेष और क्षतिग्रस्त घोंसले भी मिले हैं। वन विभाग की ओर से वन्य जीव संरक्षण अधिनियम समेत तीन मुकदमे दर्ज किए हैं। अब तक छह मुकदमे दर्ज हो चुके हैं 18 सितंबर की रात डालमिया बाग में गुरु कृपा तपोवन नाम से कालोनी बनाने के लिए रातों-रात बड़े पैमाने पर हरे पेड़ों की कटाई कर दी गई। सुबह इसकी जानकारी मिली तो लोग दंग रह गए। प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक मामला पहुंचने के बाद वन विभाग हरकत में आया। 

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