उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने ब्रज क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अहम पहल की शुरुआत की है। परिषद ने चार भाषाओं में सांकेतिक बोर्ड लगाने का निर्णय लिया है, जिसमें क्यूआर कोड की सुविधा भी दी गई है।
वृंदावन में ब्रज तीर्थ विकास परिषद की नई पहल : चार भाषाओं में सांकेतिक बोर्ड और क्यूआर कोड की शुरुआत
Oct 05, 2024 00:29
Oct 05, 2024 00:29
कुल 98 संकेतक बोर्ड लगाने का फैसला
ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने ब्रज के प्रमुख मार्गों और सार्वजनिक स्थानों पर कुल 98 संकेतक बोर्ड लगाने का फैसला किया है। ये बोर्ड हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती और बंगाली भाषाओं में होंगे, जो ब्रज में आने वाले तीर्थयात्रियों को मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों की दिशा और जानकारी प्रदान करेंगे। इस बोर्ड का खास डिज़ाइन आकर्षक है और यह तकनीकी रूप से उन्नत भी है। इन बोर्डों पर लगाए गए क्यूआर कोड की मदद से श्रद्धालु मोबाइल से स्कैन कर मंदिर की दूरी, उसका ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व, दर्शन का समय, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
क्यूआर कोड से जुड़ी यह सुविधा श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने का सटीक मार्ग भी बताएगी
प्रशांत गौतम, मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता ने बताया कि यह पहल विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए है, जो हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती और बंगाली भाषाओं का प्रयोग करते हैं। इन भाषाओं के लोग ब्रज क्षेत्र में सबसे अधिक संख्या में आते हैं, इसलिए इन भाषाओं को प्राथमिकता दी गई है। क्यूआर कोड से जुड़ी यह सुविधा श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने का सटीक मार्ग भी बताएगी, जिससे वे गूगल लिंक के माध्यम से रास्ता देख सकेंगे।
इन संकेतक बोर्डों को 10 साल तक देखरेख के लिए एक निजी कंपनी को अनुबंधित किया
इन संकेतक बोर्डों को 10 साल तक देखरेख के लिए एक निजी कंपनी को अनुबंधित किया गया है, जो इनकी नियमित देखभाल करेगी। बोर्ड पर क्यूआर कोड स्कैन करने से श्रद्धालुओं को संबंधित मंदिर के ऐतिहासिक और धार्मिक पहलुओं के बारे में जानकारी मिलेगी। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि मंदिर तक पहुंचने का मार्ग स्पष्ट और भ्रमित करने वाला न हो।
परिषद ने मथुरा, वृंदावन, गोकुल, बलदेव, गोवर्धन, बरसाना और नंदगांव जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर ये संकेतक बोर्ड लगाने की योजना बनाई है। इस कदम से श्रद्धालुओं को मंदिरों तक पहुंचने में आसानी होगी, और ब्रज क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
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