फरह थाना क्षेत्र स्थित ओल कस्बे के गांव गांजोली मार्ग से 12 वर्षीय बालक के अपहरण करने के आरोपियों को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। बालक को उनके चंगुल से सकुशल बरामद किया गया है। पुलिस...
Mathura News : मुकदमे और कर्ज से मुक्ति को बन गए अपराधी, पैसे के लिए बालक को अगवा किया
Aug 01, 2024 10:42
Aug 01, 2024 10:42
बच्चे को ऐसे मुक्त कराया
एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बुधवार रात पुलिस लाइन में मीडिया को बताया कि आगरा स्थित अछनेरा थाना क्षेत्र के गांव तुरकिया निवासी देवेंद्र, इसी गांव के खड़ग सिंह उर्फ अरब को करनाल नहर शहजादपुर गुर्जर पुलिया के पास मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया। मुठभेड़ में देवेंद्र के दोनों और खड़ग सिंह के एक पैर में गोली लगी है। इनकी निशानदेही पर अपहृत बालक रूपेश चौधरी को शहजादपुर गुर्जर पुलिया के पास एक गड्ढे से मुक्त करा लिया गया है। बच्चे का हाथ-पैर व मुंह बंधा हुआ था।
दस लाख की मांगी थी फ़िरौती
रूपेश का मंगलवार को उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह अपने बड़े भाई भूपेश के साथ कस्बा ओल से साइकिल पर सवार होकर लौट रहा था। पुलिस ने बताया कि देवेंद्र और खड़ग सिंह ने शाम करीब 5.30 बजे उसका अपहरण किया था। रात 9.30 बजे पहला कॉल फिरौती के लिए बालक की मां के फोन पर आया। फोन सैपऊ, धौलपुर से किया गया था। इसके बाद रातभर कोई फोन नहीं आया। बुधवार की सुबह से लेकर दोपहर तक तीन बार अपहरणकर्ताओं ने बच्चे की मां के फोन किया। बदमाश ने धमकी दी कि शाम तक 10 लाख रुपये का इंतजाम नहीं किया तो बालक को जान से मार देंगे।
बालक को रातभर भूखा रखा
एसएसपी ने बताया कि बदमाशों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वे बच्चे का अपहरण करने के बाद उसे यहां से सीधे धौलपुर ले गए थे। वहां से रातभर उसे विभिन्न इलाकों में घुमाने के बाद सैपऊ, रूपवास, बसई नवाब, मनिया इलाके में लेकर घूमते रहे। बदमाश इतने शातिर हैं कि वे किसी एक स्थान पर अधिक देर तक नहीं रुके। वे रातभर स्थान बदलते रहे। रातभर बच्चे को भूखे पेट रखा। बुधवार सुबह उसे एक भंडारे में खाना खिलाया। बच्चे ने बताया कि उसने कुछ लोगों की ओर मदद भरी निगाहों से देखा तो बदमाशों ने उसे हथियार दिखाकर डरा दिया। अपहरण के लिए देवेंद्र ने अपने भाई की बाइक का इस्तेमाल नंबर प्लेट बदलकर किया था।
परिवार को देखकी फफक उठा बच्चा
पुलिस लाइन में रूपेश ने जैसे ही अपने परिवार के लोगों को देखा, वह उनसे लिपटकर रोने लगा। बच्चे के परिजनों ने मथुरा पुलिस को धन्यवाद कहा। लाइन में ही पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाए।
पुलिस ने ऐसे फंसाया जाल में
12 साल के रूपेश का अपहरण करने वाले बदमाश देवेंद्र और खड़ग सिंह पेशेवर अपराधी नहीं है। मगर, उनके शातिर दिमाग ने वारदात का प्लान इतना सटीक बनाया कि पुलिस 24 घंटे तक चकरघिन्नी बनी रही। मगर, वह अपने ही प्लान में फंस गए। बालक के परिवार ने पुलिस के कहने पर दोनों को बुधवार दोपहर को कॉल कर आने को कह दिया। कहा कि 10 लाख रुपये का इंतजाम हो गया है। फरह क्षेत्र में आकर ले जाए और बच्चे को छोड़ जाएं। वे इस जाल में वह फंस गए।
मुकदमे से छुटकारे को की वारदात
पूछताछ में पता चला कि दोनों आरोपियों के खिलाफ पूर्व में कोई अपराध दर्ज नहीं है। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में देवेंद्र ने बताया कि उसके भाई रामलखन पर अछनेरा थाने में नाबालिग से बलात्कार का मुकदमा दर्ज है। उसी मुकदमे के निपटारे के लिए उसे करीब पांच लाख रुपये चाहिए। होटल से नौकरी जाने के बाद परेशान था। खड़ग सिंह ने बताया कि अय्याशी में अधिक कर्ज हो गया है। इसलिए पैसों की जरूरत थी। एसएसपी ने बताया कि आरोपी एक सप्ताह से किसी भी बच्चे के अपहरण की फिराक में घूम रहे थे, ताकि फिरौती की रकम मिल जाए और अपनी जरूरतों को उससे पूरा कर सकें।
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