आगरा की स्पेशल कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद और अभिनेत्री कंगना रनोट के खिलाफ दायर मामले में थाना न्यू आगरा से रिपोर्ट मांगी है। यह मामला कंगना द्वारा किसानों के विरोध प्रदर्शन पर की गई टिप्पणियों से जुड़ा है। कंगना पर आरोप है कि...
Agra News : कंगना मामले में एमपी एमएलए कोर्ट का कड़ा रुख, पुलिस को 20 दिनों की मोहलत...
Jan 10, 2025 14:32
Jan 10, 2025 14:32
बढ़ सकती हैं कंगना की मुश्किलें
कोर्ट ने थाना न्यू आगरा को आदेश दिया है कि वे 20 दिनों के भीतर गवाहों, सबूतों और बयानों की जांच करें और रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसके बाद, कोर्ट फैसला लेगी। 29 जनवरी को थाना न्यू आगरा पुलिस न्यायालय में आख्या प्रस्तुत करेगी और 8 फरवरी को कोर्ट फैसला सुनाएगी। इस मामले में कंगना रनोट अब तक कोर्ट में पेश नहीं हुई हैं, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कोर्ट ने उन्हें कई बार नोटिस जारी किए हैं, लेकिन वे हाजिर नहीं हुई हैं।
लाखों किसानों की भावनाएं आहत
याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा का कहना है कि मैं भी किसान परिवार से संबंध रखता हूं। मैंने भी करीब 30 साल तक खेती-किसानी की। मैं किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति सम्मान रखता हूं। कंगना ने हमारी और लाखों किसानों की भावनाएं आहत की हैं। उन्होंने बताया कि 31 अगस्त को उन्होंने पुलिस कमिश्नर और थाना न्यू आगरा को शिकायत भेजकर कार्रवाई करने की मांग की थी।
जानें कंगना ने क्या कहा था
7 नवंबर, 2021 को कंगना रनोट का एक बयान छपा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाल पर चांटा खाने के बाद भीख मिलती है, आजादी नहीं। साल 1947 में जो आजादी हमें मिली, वो महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली थी। असली आजादी तब मिली, जब 2014 में सत्ता में नरेंद्र मोदी की सरकार आई। उनके इस बयान का मतलब साफ है कि आजादी में महात्मा गांधी, सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर जैसे तमाम महापुरुषों ने जो बलिदान दिया, वो व्यर्थ है। इस बयान से कंगना ने राष्ट्रपिता का भी अपमान किया है।
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