कुंवर अजय तोमर के अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी द्वारा ताजमहल को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताने वाली याचिका पर आपत्ति दर्ज कराई। न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 23 अक्तूबर निर्धारित की है...
तेजोमहालय विवाद में नया मोड़ : ताजमहल को बता दिया वक्फ बोर्ड की संपत्ति, अब 23 अक्टूबर को होगी सुनवाई
Oct 07, 2024 21:30
Oct 07, 2024 21:30
वादी कुंवर अजय तोमर के अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने आपत्ति दाखिल की, जिस पर न्यायालय ने सुनवाई की तारीख 23 अक्टूबर नियत की है। पिछली सुनवाई 24 सितंबर को हुई थी, जिसमें मुस्लिम समुदाय से सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने इसमें पक्षकार बनने के लिए अर्जी दाखिल की थी। सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने अपनी अर्जी में ताजमहल को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताया था, साथ ही वादी कुंवर अजय तोमर पर एएसआई और भारतीय संघ से मिलीभगत का आरोप लगाया था, जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई।
जिला एवं सत्र न्यायालय में वादी कुंवर अजय तोमर के अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने लिखित आपत्ति दाखिल करते हुए कहा है कि सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी का ताजमहल से कोई लेना-देना नहीं है और ना हीं वह उनकी स्वयं की संपत्ति है। इसलिए वह पक्षकार नहीं बन सकते हैं। सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी टीआरपी पाने के लिए मनगढ़ंत कहानी गढ़ रहे हैं।
उधर, वादी कुंवर अजय तोमर का कहना है कि ताजमहल तेजोमहालय है, जो बाबा भोलेनाथ का शिव मंदिर है और करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। वर्तमान में तेजोमहालय भारत सरकार की संपत्ति है न कि वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। वादी अजय तोमर ने कहा कि सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी का ताजमहल से किसी भी तरीके का कोई लेना-देना नहीं है, न ही उनका इससे कोई सरोकार है तो उन्हें पक्षकार बनने का कोई अधिकार ही नहीं है।
अजय तोमर ने कहा कि सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी सबसे पहले तो यह साक्ष्य दें कि क्या वह शाहजहां या मुमताज के वंशज हैं। वह कौन सी पीढ़ी में आते हैं। अजय तोमर ने कहा कि इनके पास न तो ताजमहल के कोई साक्ष्य हैं और न वक्फ बोर्ड की जमीन होने के कोई साक्ष्य हैं। सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी न्यायालय को बेवजह गुमराह कर रहे हैं। देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं जो की निंदनीय है।
गौरतलब है कि योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने ताजमहल को तेजोमहालय बताते हुए 23 जुलाई को श्रावण मास के महीने में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक एवं अन्य हिंदू त्योहारों पर पूजा अर्चना की मांग को लेकर अपने अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर एवं झम्मन सिंह रघुवंशी के द्वारा वाद दायर किया था, जिसमें प्रतिवादी एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ.राजकुमार पटेल को बनाया गया था। अब इस मामले में यूनियन ऑफ़ इंडिया (भारतीय संघ) भी प्रतिवादी बनाया गया है।
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