नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल पिछले कुछ दिनों से सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। नगर आयोग की सक्रियता के चलते नगर निगम अधिकारी एवं कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ...
आगरा नगर निगम में मचा हड़कंप : जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र कार्यालय पर अपर नगर आयुक्त की छापेमारी, भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई
Nov 28, 2024 21:08
Nov 28, 2024 21:08
भ्रष्टाचार और दलालों पर कसा शिकंजा
नगर निगम कार्यालय में दलालों की सक्रियता और रिश्वतखोरी की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि प्रमाणपत्र बनवाने में बाबुओं द्वारा जानबूझकर देरी की जाती है और रिश्वत की मांग की जाती है। इसको लेकर अपर नगर आयुक्त ने विभागीय कर्मचारियों से सवाल-जवाब किया और वहां उपस्थित लोगों से उनकी समस्याएं जानीं। शिकायतों के आधार पर उन्होंने म्युटेशन से संबंधित 25 फाइलों को अपने कब्जे में ले लिया और जांच के लिए साथ ले गए।
महिला की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई
छापेमारी के दौरान न्यू आदर्श नगर निवासी महिला सीमा अग्रवाल ने शिकायत की कि उनके बेटे रियांस अग्रवाल का जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए उन्हें बार-बार कार्यालय के चक्कर कटवाए जा रहे हैं। इस पर अपर नगर आयुक्त ने तुरंत संबंधित फाइल को कब्जे में लिया और जोनल अधिकारी अक्षय कुमार को जल्द से जल्द मामला निपटाने के निर्देश दिए।
लापरवाही पर बाबू और एसएफआई पर जांच शुरू
अपर नगर आयुक्त ने इस मामले में जिम्मेदार बाबू को अपने कार्यालय तलब किया और उससे मामले को लटकाने का कारण पूछा। जांच में यह भी सामने आया कि बाबू ने फाइल एसएफआई रोहित कुमार को भेजी थी, लेकिन समय पर रिपोर्ट न देने के कारण मामला लंबित रहा। एसएफआई से भी पूछताछ की जाएगी।
जन्म प्रमाणपत्र जारी करने के नियम
जन्म प्रमाणपत्र के लिए 21 दिन के भीतर आवेदन करने पर नगर निगम सीधे प्रमाणपत्र जारी करता है। 21 दिन से एक साल के अंदर आवेदन होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और एसडीएम कार्यालय की स्वीकृति की आवश्यकता होती है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी
अपर नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि जांच में अनियमितता मिलने पर दोषी बाबुओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। छापेमारी के बाद नगर निगम में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में यह कदम काफी प्रभावी माना जा रहा है।
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