देश ने अनमोल रतन टाटा को खो दिया है। 86 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। रतन टाटा ने बुधवार रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली...
यादों के झरोखे से : रतन टाटा ताज देख बोले थे- इसकी खूबसूरती का जवाब नहीं, ब्रजवासियों के लिए कही थी यह बात
Oct 10, 2024 14:48
Oct 10, 2024 14:48
ताज महल देख बोले-इसका जबाव नहीं
रटत टाटा आगरा 11 साल पहले ताजमहल का दीदार करने के लिए आए थे और तब यहां के उद्यमियों से भी मुलाकात की थी। एक सितंबर 2013 को रतन टाटा जब ताज देखने आए तो कहा कि ताजमहल उनके दिल में है और इस खूबसूरत इमारत का कोई जबाव नहीं हैं। विजिटर बुक में लिखा कि इंजीनियरिंग और वास्तुकला की महानतम प्रस्तुति ताजमहल है। यह न आज और न कल इस तरह दोबारा नहीं बन सकता है। वह टाटा ग्रुप के को-ऑपरेटिव वाइस चेयरमैन डीके बेरी और मैक्सिको के उद्योगपति के साथ आए थे। रतन टाटा एक घंटे तक ताज महल में रहे थे। उन्होंने ताज की वास्तुकला और पच्चीकारी की जानकारी साथ चल रहे गाइड डॉ. मुकुल पांड्या से ली थी।
यह सपना रहा अधूरा
रतन टाटा के दिल में ताज था, इसी वजह से वह ताजमहल के संरक्षण से भी जुड़े रहे थे। साल 2003 में टाटा ग्रुप ने ताजमहल कन्जरवेशन कोलेबरेटिव (टीएमसीसी) के जरिए ताजमहल विजिटर सेंटर को शुरू करने के लिए फंडिंग की थी, लेकिन पूर्वी गेट पर उनका संरक्षण का सपना पूरा नहीं हो सका था। आगरा की टाटा मोटर्स की डीलर डॉ. रंजना बंसल ने कहा कि देश ने अपने एक रतन को खो दिया है। उनकी नेतृत्व क्षमता अभूतपूर्व थी। लोगों के साथ उनके दुख दर्द में खड़े रहना और देश के लिए उनका प्यार, योगदान अविस्मरणीय है। ताजमहल उनके दिल में हमेशा रहा। जब वह आए तब ताज में हम साथ थे।
कान्हा की नगरी में हो गए थे भाव - विभोर
28 फरवरी 2016 को रतन टाटा मथुरा में मल्टी सुपर स्पेशियलिटी के शुभारंभ अवसर पर आए थे। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि छोटे शहरों में भी मरीजों को उपचार की सुविधा मिलनी चाहिए। कान्हा की नगरी में आकर विख्यात उद्योगपति रतन टाटा भाव विभोर हो गए थे। उन्होंने कहा था कि ब्रजवासियों की सेवा करने से बड़ा पुण्य कोई और नहीं हो सकता है।
इन्होंने दी श्रद्धांलजि
सांसद हेमामालिनी ने कहा कि रतन टाटा जैसा व्यक्तित्व युगों में जन्म लेता है। उनका व्यवहार सभी के लिए अनुकरणीय था। उनका जाना देश के लिए बड़ी क्षति है। उन्हें शत-शत नमन करती हूं। कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने कहा कि पूरे विश्व में भारत का परचम लहराने वाले रतन टाटा जैसे इंसान धरती पर कम ही आते हैं। उन्होंने भारत की स्टील को एक ब्रांड बनाया। सच मायने में देश को नई दिशा देने में उनका योगदान अतुलनीय था। उनका जाना निश्चित रूप से बहुत दुखद है। पूर्व विधायक प्रदीप माथुर ने कहा कि वह जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। इतनी बड़ी हस्ती होने के बावजूद वह इतने सरल थे और उनका व्यवहार बेहद मधुर था। मेरी उनसे मथुरा में ही मुलाकात हुई थी। उनका जाना वास्तव में देश और समाज की बड़ी क्षति है।
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