मेट्रो निर्माण कार्य कई लोगों के जीवन और संपत्ति के लिए खतरा बन गया है। कई परिवार अपने घरों में रहने में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और रातें अन्य रिश्तेदारों के घरों में बिताने को मजबूर हैं। उनका दावा है कि ड्रिलिंग गतिविधियां इतनी तीव्र हैं कि वे मकानों की नींव को हिला देती हैं।
Agra Metro : मोती कटरा के मकानों में आई दरारें, UPMRC की डिप्टी मैनेजर ने कहा- पहले से ही जर्जर हालत में थे, मेट्रो दे रही मुआवजा
Nov 28, 2024 12:47
Nov 28, 2024 12:47
- मेट्रो के निर्माण कार्य के चलते 1700 मकान में आई दरार तो 146 मकान जैक पर टिके।
- इन 146 मकान में रहने वाले लोगों की जिंदगी बदतर बन चुकी है।
- यह लोग दिन में अपने घरों में आते हैं और रात अपने परिचितों एवं रिश्तेदारों के यहां गुजार रहे हैं।
मोती कटरा एवं अन्य क्षेत्रों के लोगों का यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन पर गंभीर आरोप है। उनका कहना है कि हम जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं और मेट्रो द्वारा कोई सहायता नहीं की जा रही। वहीं उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने लोगों के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा जा रहा है कि मोती कटरा के घरों में आई दरारें और जो मकान गिरासू हैं उनमें से कई मकान पहले से ही जर्जर हालात में थे। यहां पर लोग बेवजह मेट्रो को बदनाम कर रहे हैं, यही नहीं इसके बावजूद यूपीएमआरसी इन लोगों को मुआवजा दे रहा है लेकिन यह लोग मेट्रो को बदनाम करने में कोई को कसर नहीं छोड़ रहे जो कि गलत है।
1700 मकानों में दरार आईं
बताते चलें उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन आगरा में तेजी के साथ निर्माण कार्य में जुटी हुई है जिससे पूरे शहर में इस नेटवर्क को फैलाया जा सके और आगरा के लोगों को आवागमन के रूप में मेट्रो की सुविधा मिल सके। प्रॉयोरिटी कॉरिडोर के बाद यूपीएमआरसी ने अन्य कॉरिडोर पर भी काम तेजी के साथ शुरू कर दिया है। इसी क्रम में एसएन मेडिकल कॉलेज से जुड़े मोती कटरा, खत्ता गली एवं सैयद गली के आसपास करीब 1700 मकानों में दरार आ गई हैं। लोगों की जान सांसत में फंसी हुई है। मोती कटरा क्षेत्र में 146 मकान ऐसे हैं जिनमें जैक लगाया गया है। उनकी जिंदगी जैक पर अटक गई है।
मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शुमार आगरा मेट्रो
बताते चलें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में शुमार आगरा मेट्रो शहर के लोगों के लिए आवागमन का सबसे बड़ा माध्यम बनती हुई दिखाई दे रही है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा आगरा मेट्रो का काम तेजी के साथ आगे बढ़ा रही है। इसी क्रम में आगरा में अंडरग्राउंड का काम तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। मनकामेश्वर मंदिर मेट्रो स्टेशन से आगरा कॉलेज, एसएन मेडिकल कॉलेज से लेकर, आरबीएस खंदारी तक अंडरग्राउंड मेट्रो का काम चल रहा है। इसी क्रम में मनकामेश्वर मेट्रो स्टेशन से एसएन मेडिकल कॉलेज तक बंद रहे अंडरग्राउंड का काम यूपीएमआरसी द्वारा किया जा रहा है। जिसके चलते दो किलोमीटर वाले इस क्षेत्र में करीब 1700 मकानों में दरार आ गई हैं। यहां सुरंग बनाने के लिए 100 से 150 फीट गहरी खुदाई की गई है। अक्टूबर 2023 से इसे बनाने का कार्य शुरू किया गया था। जुलाई, अगस्त महीने तक कुछ ही घरों में दरार आई थी लेकिन धीरे-धीरे मकानों में दरारों के आने का सिलसिला और बढ़कर करीब 1700 घरों तक पहुंच गया है।
निर्माण कार्य के चलते मकानों में आई दरार
मेट्रो द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य के चलते 1700 मकान में आई दरार का मामला पहले भी उठ चुका है। कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के निर्देश पर डीएम अरविंद मलप्पा बंगारी मेट्रो अधिकारियों के साथ मोती कटरा एवं अन्य क्षेत्रों का निरीक्षण भी कर चुके हैं। बावजूद अभी तक यहां के वाशिंदों को कोई राहत नहीं मिली है। यहां के 1700 मकान में से 146 मकान ऐसे हैं, जिनको सही सलामत खड़ा रखने के लिए आगरा मेट्रो द्वारा जैक लगाए गए हैं। इन मकानों की जिंदगी जैक पर आकर टिक गई है। इन 146 मकान में रहने वाले लोगों की जिंदगी बदतर बन चुकी है। यह लोग दिन में अपने घरों में आते हैं और रात अपने परिचितों एवं रिश्तेदारों के यहां गुजार रहे हैं। इन 146 जैक वाले मकानों में से कई लोग ऐसे भी हैं जो रात को इन्हीं मकानों में अपनी जान दांव पर लगाकर ठहरते हैं। इनका कहना है कि जब रात में मेट्रो की ड्रिल मशीन चलती है तो ऐसा लगता है मानो पूरा मकान जमी दोज हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया के मेट्रो के अधिकारी जब भी यहां आते हैं उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं देते।
आरबीएस से आगरा कॉलेज तक अंडरग्राउंड वर्क पूरा
मेट्रो की टीबीएम के चलते मकानों में आई दरार एवं 146 मकानों पर जैक लगाने को लेकर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की डिप्टी मैनेजर (जनसंपर्क ) गौरी शुक्ला ने यूपी टाइम्स को बताया अभी हमारा काम निरंतर जारी है। मेट्रो का प्रयास है कि कम समय में अधिक से अधिक अंडरग्राउंड का काम किया जाए। उन्होंने बताया कि आरबीएस से आगरा कॉलेज तक अंडरग्राउंड वर्क पूरा हो चुका है, एसएन मेडिकल कॉलेज और मनकामेश्वर के बीच मामला सेंसिटिव है, इसलिए हम प्रिकॉशन लेते हुए काम कर रहे हैं। इसमें भी एक टनल बन चुकी है। हमारे इंजीनियर बेहद ही सतर्कता एवं सावधानी पूर्वक सन मेडिकल कॉलेज के इस सेंसेटिव जोन में काम कर रहे हैं।
नुकसान होने पर कंपनसेशन दिया जाएगा
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने काम करने से पूर्वी पूरे क्षेत्र का सर्वे कराया था, उसके बाद लगातार सर्वे किया जा रहे हैं। जिन मकानों में भी दिक्कत आई हैं, या जिन मकानों में अधिक नुकसान हुआ है उनको उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की तरफ से पूरा कंपनसेशन दिया जाएगा। किसी को भी मेट्रो की तरफ से निराशा हाथ नहीं लगेगी। अभी हमारा पूरा ध्यान यहां के टनल पर बना हुआ है।
143 मकान में जैक लगाया गया
गौरी शुक्ला का कहना था कि अंतरराष्ट्रीय मापदंडों से हम लोग करीब 20 प्रतिशत काम गति से टीबीएम का उपयोग कर रहे हैं, जिससे टीबीएम मशीन कंपन्नता का काम करें और लोगों के घरों में नुकसान कम हो। गौरी शुक्ला ने यह भी कहा कि 1700 मकान में दरारें नहीं आई हैं बल्कि 1700 मकान आईडेंटिफाई किए गए हैं, जिनमें हमारे द्वारा संभावना व्यक्त की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि 146 मकान में नहीं बल्कि 143 मकान में जैक लगाया गया है।
यूपीएमआरसी ने कराया था सर्वे
गौरी शुक्ला ने दावा किया कि एसएन मेडिकल कॉलेज से सटे मोती कटरा एवं आसपास के क्षेत्र के मकानों की दशा अभी से ही नहीं बहुत पहले से खस्ता हाल में रही है। यूपीएमआरसी ने अपने प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले जो सर्वे कराया था उसमें यह सामने आया था कि यह पूरा क्षेत्र बहुत पुराना है। यहां के मकान गिरासू हालत में हैं। इनके मकान की जड़ बहुत कमजोर हैं। बारिश में तो हालात यहां पर और भी भयावह हो जाते हैं, इसलिए यह कहना बेमानी है कि मोती कटरा और आसपास के मकान में जो क्षति है उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के कारण है। उन्होंने कहा कि हम मान सकते हैं कि कुछ मकानों में परेशानी आई है, लेकिन जो जर्जर मकान थे आज वह लोग यूपीएमआरसी को बदनाम कर रहे हैं।
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