Agra News : चांदनी रात में ताज के दीदार के नाम पर पर्यटकों के साथ धोखा कर रही सरकार

चांदनी रात में ताज के दीदार के नाम पर पर्यटकों के साथ धोखा कर रही सरकार
UPT | चांदनी रात में ताजमहल

Jun 23, 2024 19:09

ताजमहल, जिसका नाम लेते ही मोहब्बत की यादें तरोताजा हो जाती हैं। संगमरमर के हुस्न से लिपटे हुए ताज चांदनी रात में और भी कातिलाना हो जाता है। चांदनी रात में ताज का दीदार करने के लिए देसी नहीं विदेशी पर्यटक लालायित...

Jun 23, 2024 19:09

Agra News : ताजमहल, जिसका नाम लेते ही मोहब्बत की यादें तरोताजा हो जाती हैं। संगमरमर के हुस्न से लिपटा हुआ ताज चांदनी रात में और भी कातिलाना हो जाता है। चांदनी रात में ताज का दीदार करने के लिए देसी ही नहीं विदेशी पर्यटक लालायित रहते हैं। चांदनी रात में ताज के दीदार के लिए विदेशी नहीं बल्कि देशी पर्यटक भी अपनी जेब ढीली करते हैं। चांदनी रात में ताजमहल पर दमकते हुए चमकी की एक झलक पाने के लिए हर कोई दीवाना रहता है, यही दीवानगी उन्हें चांदनी रात में ताज के दीदार के लिए खींच लाती है। उधर, जब चांदनी रात में ताज के दीदार के लिए पर्यटक ताजमहल परिसर में पहुंचते हैं और आसमान में बादल आ जाएं तो विदेशी ही नहीं बल्कि देशी पर्यटक भी खासे नाराज और खफा दिखाई देते हैं। शनिवार की रात को भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला, चांदनी रात में ताज के दीदार के लिए पहुंचे पर्यटकों को जब ताज का दीदार संभव नहीं हुआ तो वह सिस्टम को कोसते हुए दिखाई दिए। 
 
ताजमहल की नाइट व्यू के लिए पर्यटकों से ली जाती है अतिरिक्त धनराशि 
गौरतलब है कि ताजमहल की नाइट व्यू के लिए पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग पर्यटकों से मोटी एवं अतिरिक्त राशि वसूलता है, लेकिन जब पर्यटकों को चांदनी रात में ताज का दीदार नहीं होता तो विदेशी ही नहीं बल्कि देशी पर्यटक भी सरकारी सिस्टम को कोसते हुए दिखाई देते हैं। पर्यटक साफ तौर पर कहते हैं पूर्णिमा पर नाइट व्यू के नाम पर सरकार पर्यटकों को बेवकूफ बना रही है। टोटली वेस्ट ऑफ़ मनी और वेस्ट ऑफ टाइम यहां आकर बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। सरकार नाइट व्यू के नाम पर 500 - 500 रुपये की टिकट बेच रही है और घने बादलों में रात में ताजमहल दिखाई ही नहीं देता। यह कहना था चांदनी रात में चांद की ताजमहल पर चमकी देखने आई महिला पर्यटक का।
 
पूर्णिमा पर ताजमहल पर चमकी देखने पहुंचे पर्यटकों का निराशा हाथ लगी
शनिवार को पूर्णिमा पर ताजमहल पर चमकी देखने पहुंचे पर्यटकों का निराशा हाथ लगी। पर्यटक खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। पर्यटकों का कहना है भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को पर्यटकों के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। पूर्णिमा पर चमकी तो दिखी नहीं बल्कि ताजमहल तक दिखाई नहीं दिया। रात में ताजमहल दर्शन के लिए एक दिन में अधिकतम 400 पर्यटकों को ही अनुमति दी जाती है। ताजमहल के अंदर मुख्य मकबरे से 280.2 मीटर दूर स्थित वीडियो प्लेटफार्म से ताजमहल दिखाया जाता है। पूर्णिमा पर चांद की रोशनी में ताजमहल देखने के लिए पर्यटक देश-विदेश से आते हैं।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की वेबसाइट asi.paygov.org.in पर जाकर टिकट बुक कर इस सुविधा का लाभ लिया जा सकता है। भारतीय पर्यटकों के लिए टिकट 510 रुपये तो वहीं विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट 750 रुपये है।
एएसआई ने रात्रि दीदार के लिए 8 बैच बनाए हैं। एक बैच में अधिकतम 50 पर्यटक ताज महल का रात्रि दीदार कर सकते हैं। रात 8 बजे से 12:30 बजे तक ताजमहल के रात्रि दर्शन कराए जाते हैं। पर्यटकों को शिल्पग्राम सहित अन्य पार्किंग से गोल्फ कार्ट से लेकर जाया जाता है।
 
नहीं दिखा ताजमहल, रहा अंधेरा
दिल्ली से आई प्राशिमा जैन का कहना है कि मैं पूरी दुनिया में कई जगह घूमी हूँ। ताजमहल पोल्यूशन की वजह से दिखता ही नहीं है। इससे बेहतर होता कि दिए जला देते। भारत सरकार पर्यटकों के साथ धोखा कर रही है। पूर्णिमा पर चांदनी रात में ताज दर्शन के नाम पर ₹500 वसूले जा रहे हैं, चमकी तो छोड़ दीजिए ताजमहल के भी दर्शन तक नहीं हो पाए। कोलकाता से आए अरुदेय ने कहा कि चांद तो दिखा ही नहीं। बहुत ज्यादा अंधेरा है। आंखों से कुछ नहीं दिखता। ताजमहल पर फोटोग्राफी करने वाले इकबाल ने कहा कि 50-50 लोगों को ग्रुप बनाकर ताजमहल के अंदर भेजा जाता है। मानसून और सर्दियों में कुछ नहीं दिखता। वीडियो प्लेटफॉर्म की जगह अगर मुख्य मकबरे तक पर्यटकों को लेकर जाएंगे तो बेहतर व्यू आएगा।
 
सर्वेक्षण विभाग बना रहा बेवकूफ
जिस तरह से पर्यटकों ने पूर्णिमा पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की वेबसाइट उनकी टिकट विंडो पर जाकर कतार में घंटे खड़े होकर पूर्णिमा की चांदनी रात में चमकी देखने के लिए ताज व्यू के लिए 500 रुपये खर्च कर रहे हैं और सर्वेक्षण विभाग चांदनी रात में ताज का दीदार कराने के नाम पर हमें बेवकूफ बना रहा है। भारतीय पर्यटकों ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आज के आधुनिक युग में एक दो नहीं बल्कि एक-एक महीने पहले सेटेलाइट से और मौसम वैज्ञानिक सारी जानकारी उपलब्ध करा देते हैं, तो फिर पुरातत्व विभाग वह जानकारी नहीं होती है कि  पूर्णिमा की रात को आगरा में बादल छाए रहेंगे। अगर पुरातत्व विभाग को जानकारी है तो फिर वह ताज के रात्रि दर्शन के लिए टिकट क्यों देता है। यानि कि एएसआई जानता है कि पूर्णिमा की रात को बादल छाए रहेंगे और चमकी की चमक तो बहुत दूर ताजमहल के दर्शन भी दूभर होंगे। 

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