सर्कस से बचाए गए टस्कर हाथी ने अभयारण्य में पूरे किए आजादी के 14 साल : शाही दांतों वाले राजेश का 2010 में किया था पुनर्वास

शाही दांतों वाले राजेश का 2010 में किया था पुनर्वास
UPT | वाइल्डलाइफ एसओएस के अभयारण्य में आराम फरमाता हाथी।

Dec 16, 2024 23:30

लंबे और शाही दांतों वाले नर हाथी राजेश को 2010 में उत्तर प्रदेश के एक सर्कस से बचाया गया था। सर्कस में उसे क्रूर प्रशिक्षण के जरिए करतब दिखाने के लिए मजबूर किया गया था, लेकिन अब वह सुरक्षित और स्वतंत्र जीवन जी रहा है।

Dec 16, 2024 23:30

Agra News : लंबे और शाही दांतों वाले नर हाथी राजेश को 2010 में उत्तर प्रदेश के एक सर्कस से बचाया गया था। सर्कस में करतब दिखाने के लिए क्रूर प्रशिक्षण के साथ जीने को मजबूर आज नर टस्कर मथुरा में वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी अभयारण्य में अपनी आजादी के 14 साल पूरे कर चुका है, जहां वह सुरक्षित जीवन का आनंद ले रहा है।



करतबों को करने के लिए कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ा 
सर्कस में प्रदर्शन दिखाने के लिए मजबूर हाथी राजेश को अपने पिछले पैरों पर खड़े होकर फुटबॉल खेलते हुए देखना दर्शकों को बहुत लुभाता था, इस बात से अनजान कि इन सभी करतबों को करने के लिए उसे कितने क्रूर प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। आदेशों का पालन करने के लिए उसे घंटों प्रताड़ित किया जाता था, लाठियों और बुल हुक से पीटा जाता था।

वाइल्डलाइफ एसओएस ने उसे सफलतापूर्वक बचाया और उसका पुनर्वास किया 
एक प्रदर्शन कर रहे हाथी के रूप में राजेश को जो दुर्व्यवहार सहना पड़ा, उससे उसे गंभीर मानसिक कष्ट पंहुचा। इस दर्दनाक जीवन से मुक्त होने के बावजूद जब वाइल्डलाइफ एसओएस ने उसे सफलतापूर्वक बचाया और उसका पुनर्वास किया, तो राजेश ने शुरू में रूढ़िवादी व्यवहार प्रदर्शित किया और डरा और सहमा दिखाई दिया। जब पशु चिकित्सा टीम इलाज के लिए उसके पास पहुंची तो उसने आराम करने से इनकार कर दिया और लगातार उसके अंदर बेचैनी का भाव बना रहा। धीरे-धीरे वह शांत हुआ जिसके पश्चात पशु चिकित्सा टीम ने उसके पैरों के घावों का इलाज शुरू किया और उसकी खोई हुई ताकत को पुनर्जीवित करने के लिए पौष्टिक आहार दिया।
 
अब वह वह रोजाना ताजे फल और सब्जियों का स्वाद लेता है
राजेश के स्वभाव में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। वह अधिक सौम्य और शांत हो गया है और उसने अपनी देखभाल करने वालों के साथ विश्वास का बंधन बना लिया है। हाथियों की देखभाल करने वाले पशुचिकित्सकों और कर्मचारियों द्वारा लाए गए परिवर्तन के कारण, राजेश को अब स्वस्थ भूख लगती है और वह रोजाना ताजे फल और सब्जियों का स्वाद लेता है, जिसमें कद्दू, लौकी, तरबूज और कच्चे केले शामिल हैं।

इंसानों के लिए राजेश के दर्द को समझना अकल्पनीय है
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “इंसानों के लिए राजेश के दर्द को समझना अकल्पनीय है जो उसने इतने वर्षों तक सहा। हमने राजेश को उसकी आज़ादी वापस दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की जिसकी वजह से आज वह प्यार और देखभाल से भरा जीवन जी रहा है। यह हमारे लिए खुशी का अवसर है की आज राजेश ने अपनी आजादी के 14 साल पूरे कर लिए हैं।''

राजेश के जीवन का दूसरा भाग करुणा और स्नेह से भरा हुआ है
वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, “राजेश के जीवन का दूसरा भाग करुणा और स्नेह से भरा हुआ है। हाथी देखभाल कर्मचारी यह सुनिश्चित करते हैं कि वे राजेश की आव्यश्यक्ताओं के साथ हमेशा तैयार रहें। ताजी सब्जियों की स्वस्थ मात्रा राजेश के पौष्टिक आहार को सुनिश्चित करती है, जिससे उसे पर्याप्त मात्रा में पोषण मिलता रहे।''

लगभग 15 वर्षों के प्रयास के परिणामस्वरूप उसके स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ 
बैजूराज एम.वी, डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, वाइल्डलाइफ एसओएस ने बताया, “राजेश नियमित रूप से अपने नाखूनों और फुटपैड की देखभाल कराता है। राजेश की स्थिति में सुधार के लिए लगभग 15 वर्षों के प्रयास के परिणामस्वरूप उसके स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उसे हमारी देखरेख में एक सुखद जीवन जीते हुए देखना हमारे लिए अनुभव की गई सबसे बड़ी खुशियों में से एक है। 

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