आगरा नगर निगम ने मच्छरों के प्रभावी नियंत्रण के लिए एक नई पहल करते हुए ड्रोन तकनीक का उपयोग शुरू किया है।
Agra News : मच्छरों से निपटने के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग, प्रदेश में पहली बार पायलट प्रोजेक्ट शुरू
Nov 28, 2024 22:31
Nov 28, 2024 22:31
ड्रोन तकनीक का उपयोग कैसे हो रहा है?
विस्तृत क्षेत्र और संसाधनों की कमी को ध्यान में रखते हुए, नगर निगम ने ड्रोन का सहारा लिया है। बीते दो दिनों में ड्रोन की मदद से शहर के विभिन्न इलाकों में तालाबों, पार्कों और नालों पर एंटी लार्वा स्प्रे और फॉगिंग कराई गई। इस कार्य को अंजाम देने वाली कंपनी सिनर्जी टेलीमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रफुल्ल कुमार ने जानकारी दी कि शिवपुरी पार्क, सेंट्रल पार्क आवास विकास, पुष्पांजलि आशियाना, शास्त्रीपुरम, मंटोला नाला, महावीर नाला और अन्य स्थानों पर ड्रोन से दवा का छिड़काव किया गया। अब तक लगभग 10 एकड़ क्षेत्र को कवर किया जा चुका है।
ड्रोन की विशेषताएं
यह ड्रोन कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों के आधार पर तैयार किया गया है, जिसे अब शहरी क्षेत्रों में मच्छरों पर नियंत्रण के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। ड्रोन का टैंक 20 लीटर केमिकल स्टोरेज क्षमता रखता है और इसे केवल दो व्यक्ति आसानी से ऑपरेट कर सकते हैं। इस तकनीक से समय, मैनपावर और केमिकल की खपत में कमी आएगी।
नगर आयुक्त की प्रतिक्रिया
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में ड्रोन तकनीक अधिक प्रभावी है। पहले मैनपावर और वाहनों के जरिए फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव किया जाता था, जिसमें समय और केमिकल की खपत ज्यादा होती थी। साथ ही, कुछ दुर्गम क्षेत्रों में यह कार्य करना कठिन होता था। ड्रोन के माध्यम से अब इन चुनौतियों को हल किया जा सकता है।
आगरा का प्रदेश और देश में पहला स्थान
आगरा नगर निगम उत्तर प्रदेश का पहला और देश का पहला नगर निगम बन गया है, जिसने फॉगिंग और एंटी लार्वा स्प्रे के लिए ड्रोन का उपयोग किया है। अधिकारियों द्वारा कार्य की मॉनिटरिंग की जा रही है, और रिपोर्ट के आधार पर इस तकनीक को स्थायी रूप से लागू करने का निर्णय लिया जाएगा।
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