जैसे-जैसे फसल कटाई का मौसम अपने चरम पर पहुंच रहा है, उत्तर प्रदेश के किसानों ने अपने खेतों में अजगरों की बढ़ती संख्या का सामना करना शुरू कर दिया है...
Agra News : अजगरों के बढ़ते मामलों के बीच वाइल्डलाइफ एसओएस का सफल बचाव अभियान
Nov 04, 2024 19:52
Nov 04, 2024 19:52
फसल कटाई के दौरान अजगरों का बढ़ता खतरा
बचाव अभियान की सबसे बड़ी चुनौती आगरा के किरौली में आई, जहां एक विशाल भारतीय रॉक अजगर एक गहरे कुएं में फंसा हुआ था। स्थानीय किसानों और वन अधिकारियों ने तुरंत वाइल्डलाइफ एसओएस की हॉटलाइन (+91 9917109666) पर कॉल की, जिसके बाद बचावकर्मियों की एक टीम मौके पर पहुंची। कुएं की गहराई और अजगर के विशाल आकार के कारण बचाव कार्य में समय लगा। टीम ने एक अनूठा तरीका अपनाते हुए कुएं में एक जूट बैग डालकर अजगर को सुरक्षित बैग के अंदर लाने की कोशिश की। काफी प्रयासों के बाद, अजगर को सुरक्षित रूप से कुएं से बाहर निकाला गया और बाद में जंगल में रिहा कर दिया गया।
10 फुट लंबा अजगर आलू के खेत में पाया
इसी दिन, वाइल्डलाइफ एसओएस ने तीन अन्य अजगर बचाव अभियानों को भी अंजाम दिया। मथुरा के कुरकुंडा में, एक 10 फुट लंबा अजगर आलू के खेत में पाया गया, जिसे किसानों ने पहले ही देख लिया था और तुरंत सूचना दी। बचाव टीम ने उसे सुरक्षित रूप से जंगल में रिहा किया। इसके अलावा, धाना तेजा में एक 7 फुट लंबे अजगर और मथुरा के परखम गांव में एक धान के खेत से अजगर के देखे जाने की रिपोर्ट भी आई। इन सभी मामलों में वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम ने अपनी विशेषज्ञता का परिचय देते हुए सरीसृपों को सुरक्षित रूप से बचाया।
तीन और अजगर रेस्क्यू
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि अजगरों की बढ़ती उपस्थिति मौसम में बदलाव और फसल कटाई की गतिविधियों का स्वाभाविक परिणाम है। उन्होंने किसानों के सहयोग की सराहना की, जिससे जानवरों की रक्षा और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकी। वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स और हर्पेटोलोजिस्ट बैजूराज एम.वी. ने कहा कि उनका काम स्थानीय लोगों और जंगली जानवरों के बीच एक पुल के रूप में कार्य करता है, जिससे ऐसे मामलों में सुरक्षित समाधान मिल सके। प्रत्येक रेस्क्यू के साथ, वे लोगों और वन्यजीवों के बीच संवाद को मजबूत करते हैं।
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