आगरा में विश्व स्लॉथ भालू दिवस : जानें भारत में बीयर के संरक्षण की 30 वर्ष लंबे सफर की दास्तान...

जानें भारत में बीयर के संरक्षण की 30 वर्ष लंबे सफर की दास्तान...
UPT | भारत में भालुओं के संरक्षण की 30 वर्ष लंबे सफर की दास्तान।

Oct 11, 2024 22:09

12 अक्टूबर, 2022 को वाइल्डलाइफ एसओएस ने विश्व स्लॉथ भालू दिवस की स्थापना में मदद करके स्लॉथ भालुओं के संरक्षण को विश्व मानचित्र पर रखा। जहां वन्यजीव संरक्षक इस वर्ष विश्व स्लॉथ भालू दिवस की दूसरी वर्षगांठ मना रहे...

Oct 11, 2024 22:09

Agra News : 12 अक्टूबर, 2022 को वाइल्डलाइफ एसओएस ने विश्व स्लॉथ भालू दिवस की स्थापना में मदद करके स्लॉथ भालुओं के संरक्षण को विश्व मानचित्र पर रखा। जहां वन्यजीव संरक्षक इस वर्ष विश्व स्लॉथ भालू दिवस की दूसरी वर्षगांठ मना रहे हैं। संस्था वन्यजीव संरक्षण में अपने 30 वर्ष पूरे करने की यात्रा में प्रवेश कर चुकी है। इस उपलब्धि पर प्रकाश डालने के लिए उन्होंने इस अवसर को चुना है।

30 साल पहले एक गैराज से शुरू हुआ काम
वाइल्डलाइफ एसओएस अपने अस्तित्व के 30वें वर्ष में प्रवेश करते हुए भारत के बहुमूल्य वन्य जीवों को बचाने का जश्न मनाने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा है। 1995 में दिल्ली के गैराज से संकटग्रस्त जंगली जानवरों को बचाने, उनका इलाज करने और पुनर्वास करने की मामूली शुरुआत से लेकर आज संस्था ने अब तक हजारों जानवरों को बचाया है। इसके सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक 'डांसिंग' भालुओं की क्रूर प्रथा का समाधान करना और लगभग 700 स्लॉथ भालुओं को अभ्यारण्य में लाना है। संस्था ने कलंदरों द्वारा बंधक बनाए गए इन भालुओं के कल्याण में अग्रणी रूप में अपना काम शुरू किया, जो भारत की मुख्य भूमि में पाए जाते हैं।

स्लॉथ भालू संरक्षण 
आज वाइल्डलाइफ एसओएस आगरा में मौजूद भालू संरक्षण केंद्र की देखरेख करती है, जो दुनिया का सबसे बड़ा स्लॉथ भालू संरक्षण केंद्र है। यह आगरा के सूर सरोवर पक्षी विहार के अंदर स्थित है। इसके बाद बैंगलोर में बन्नेरघट्टा भालू बचाव केंद्र भी है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्लॉथ भालू अभ्यारण्य है। संस्था भोपाल में, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान के अंदर और पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में दो और स्लॉथ भालू बचाव केंद्रों का भी प्रबंधन करती है।

30 वर्षों में हम कितनी दूर आ गए
वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव गीता शेषमणि ने कहा कि जैसा कि हम वाइल्डलाइफ एसओएस के 30 वर्षों को देखते हैं, मुझे यह देखकर बहुत खुशी होती है कि हम कितनी दूर आ गए हैं। इन भालुओं को बचाने के साथ जो शुरू हुआ, वह खूबसूरती से विस्तारित हुआ है। एक मिशन, जिसने जानवरों की अनगिनत प्रजातियों को बचाया और पुनर्वास किया है। कलंदर समुदाय को आजीविका के अवसर प्रदान करना और उनके जीवन में एक नई दिशा प्रदान करना, इस बात को रेखांकित करता है कि हमारे संरक्षण प्रयासों का प्रभाव पशु कल्याण से कहीं आगे तक फैला हुआ है।

प्राणी संरक्षण को एकजुट प्रयास जरूरी
संस्था के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने भविष्य के लिए सामूहिक प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, मैं यह कहना चाहूंगा कि भविष्य की रक्षा हमें स्वयं करनी है। यह मार्गदर्शक सिद्धांत हमारी स्थापना के समय से ही हमारे मिशन के केंद्र में रहा है और यह आज भी हमारे काम को प्रेरित करता है। पिछले 30 वर्षों में, हमने वन्यजीवों को बचाना, उनके पुनर्वास और संरक्षण में महत्वपूर्ण प्रगति की है। अब प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हम सभी की है। चूंकि हम महत्वपूर्ण वन क्षेत्र खो रहे हैं, हमें पृथ्वी पर मौजूद हर जीवित प्राणी की सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक साथ आना चाहिए। 

Also Read

स्कूल के शौचालय में बंद रहा छात्र, ढाई घंटे तक रोता चिल्लाता रहा, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

26 Nov 2024 01:59 AM

फिरोजाबाद Firozabad News :  स्कूल के शौचालय में बंद रहा छात्र, ढाई घंटे तक रोता चिल्लाता रहा, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

फिरोजाबाद से हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक विद्यालय के शौचालय में कक्षा-4 का छात्र ढाई घंटे तक बंद रहा। छात्र शौचालय गया था, तभी किसी... और पढ़ें