भारत के बेखौफ मजदूर बोले : जंग का नहीं है खौफ, अलीगढ़ मंडल से 54 निर्माण श्रमिकों ने इजरायल जाने की दी सहमति

जंग का नहीं है खौफ, अलीगढ़ मंडल से 54 निर्माण श्रमिकों ने इजरायल जाने की दी सहमति
Uttar Pradesh Times | इजरायल जाने को राजी निर्माण श्रमिक

Jan 03, 2024 14:52

भारत के निर्माण श्रमिक इजरायल-हमास की जंग से बेखौफ हैं। अलीगढ़ मंडल से 54 निर्माण श्रमिकों ने इजरायल जाने की सहमति दी है। अब श्रम विभाग पंजीकृत निर्माण श्रमिकों से फोन पर संपर्क करने में जुटा है। 

Jan 03, 2024 14:52

Short Highlights
  • इजरायल जाने के लिए अलीगढ़ से 14, हाथरस में 13, एटा में 15 और कासगंज में 12 श्रमिकों ने सहमति दी
  • जिले में सेरेमिक टाइल्स के 2500, प्लास्टरिंग के 6000, आयरन बॉडिंग के 1500 कुशल कारीगर पंजीकृत  
 Aligarh (अजय कुमार ) : इजरायल हमास जंग के बीच अलीगढ़ सहित श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों में से 10 हजार श्रमिक प्रदेश से इजरायल जाएंगे। जिसमें अलीगढ़ मंडल के सभी चार जिलों से 54 निर्माण श्रमिकों को शामिल किया गया है। इजरायल ने भारत सरकार से तीन तरह के मजदूरों की ज्यादा डिमांड की है। जिसमें राजमिस्त्री व सेंटरिंग और आयरन बिल्डिंग का काम करने वाले मजदूरों की ज्यादा मांग की है। इस डिमांड पर प्रदेश सरकार की तरफ से 10 हजार मजदूरों को इजरायल भेजने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें अलीगढ़ मंडल से 54 निर्माण श्रमिकों ने अपनी सहमति दी है। विदेश जाने वाले मजदूरों की आयु 21 से 45 वर्ष होनी और मजदूरों को थोड़ी बहुत बेसिक अंग्रेजी आनी चाहिए। जिससे कि वह मैप वगैरह को पढ़ सकें।

विदेश में बहुत ज्यादा मिलेगा वेतन
बता दें अपने-अपने परिवारों को छोड़कर विदेश में मजदूरी करने जा रहे मजदूरों को दोनों देशों के बीच चल रही जंग के बीच अपनी जान जाने का जरा भी खौफ नहीं है। मजदूरों का कहना है कि उन्हें यहां उनकी मजदूरी का उतना मेहनताना नहीं मिलता, जितना उनको विदेश में मिलेगा। भले ही जंग के बीच मजदूरी करते हुए उनकी वहां जान क्यों ना चली जाए। ज्यादा वेतन मिलने के सामने उनकी जान की कीमत कुछ भी नहीं है।

पांच साल का अनुबंध किया जाएगा
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश से तीन तरह के लगभग 10000 निर्माण श्रमिक इजरायल भेजे जाने हैं। इजरायल और हमास के मध्य महीनों से जंग जारी है। यह जंग अलीगढ़ के पंजीकृत श्रमिकों के लिए अवसर लेकर आई है। भवन निर्माण से जुड़े श्रमिक इजरायल काम करने के लिए जाएंगे। इसके लिए कंपनी की तरफ से चयनित श्रमिकों का कम से कम एक वर्ष और अधिकतम 5 वर्ष के लिए अनुबंध किया जाएगा। जनपद के श्रम विभाग में लगभग 2 लाख 50 हजार मजदूर पंजीकृत हैं। पंजीकृत मजदूरों में निर्माण कार्य से जुड़े मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। भारत सरकार द्वारा एनएसडीसी इंटरनेशनल कंपनी को निर्माण श्रमिकों को इजरायल भेजने की जिम्मेदारी सौंपी है। इजरायल सरकार के द्वारा तीन तरह के मजदूरों की ज्यादा डिमांड की गई है। जिसमें उन्होंने राजमिस्त्री, सेंटरिंग का काम जानने वाले और आयरन बिल्डिंग का काम करने वाले मजदूर है। विदेश जाने वाले मजदूरों की आयु 21 से 45 वर्ष होनी चाहिए। जबकि अंग्रेजी के तौर पर उन्हें बेसिक अंग्रेजी आनी चाहिए। जिससे कि वह विदेश में मैप वगैरह पढ़ सकें।

विदेश जाने का मौका मिला
इजरायल मजदूरी करने के लिए जा रहे खुशहाल गढ़ी गांव निवासी रोहतास कुमार ने बताया कि वह मजदूरी कर लोहे का सरिया बांधने का काम करता है,केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा श्रम विभाग में विदेश जाने के लिए जॉब निकली है। इससे उसको विदेश जाने का मौका मिला है, और वह उत्तर प्रदेश सरकार का धन्यवाद देते हुए जॉब करने के लिए अब इजरायल जा रहा है। वहीं हमास और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध के बीच जॉब करने विदेश जाने के सवाल पर मजदूर ने कहा कि हमास और इजरायल के बीच जो युद्ध चल रहा था, उस युद्ध का परिणाम अंत तक पहुंच चुका है। अब वहां की अर्थव्यवस्था बिल्कुल खराब हो चुकी है। जिसके चलते केंद्र और प्रदेश सरकार के द्वारा श्रम विभाग की तरफ से उत्तर प्रदेश से श्रमिकों को इजरायल भेजा जा रहा है।

भारत में ज्यादा पैसे नहीं मिलते
इजरायल जा रहे दूसरे मजदूर रोहतास कुमार ने कहा कि वह भी राजमिस्त्री का काम करने के चलते मजदूरी करने के लिए इजरायल जा रहा है। इस काम के उसे यहां ज्यादा पैसे नहीं मिलते हैं बल्कि इजरायल में राज मिस्त्री का काम करने पर उसको ज्यादा पैसे मिलेंगे। यही वजह है कि ज्यादा पैसे मिलने के चलते वह श्रम विभाग की तरफ से इजरायल राजमिस्त्री का काम करने जा रहा है। वहीं इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को लेकर वहां मजदूरी करने जा रहे हैं। रोहतास कुमार के दिल दिमाग में युद्ध को लेकर कोई भी घबराहट नहीं है। जिसके चलते वह इजरायल में ज्यादा पैसे मिलने के चलते काम करने जरूर जाएगा।

युद्ध को लेकर कोई टेंशन नहीं
इजरायल जा रहे नौजवान मजदूर हरीश कुमार का कहना है कि वह अपने घर परिवार को छोड़कर विदेश में ज्यादा वेतन मिलने के चलते मजदूरी करने के लिए इजरायल जा रहा है। वहां चल रहे युद्ध को लेकर उसने कहा कि उसको कोई टेंशन नहीं है।

गरीब हूं, कुछ हो जाएगा तो क्या दिक्कत 
टाइल पत्थर का काम करने वाले मजदूर सुनील कुमार भी इजरायल जा रहे हैं। सुनील का कहना है कि उसने भी विदेश में ज्यादा वेतन मिलने के चलते जाने के लिए अपनी सहमति जताई है। इजरायल और हमास में चल रहे युद्ध के बीच मजदूरी करने के लिए अपनी जान की बाजी लगाने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा गरीब आदमी हूं, अगर कुछ हो जाएगा तो क्या दिक्कत है,सरकार दे देगी।

आने-जाने का खर्चा स्वयं करना होगा
उप श्रम आयुक्त सियाराम ने बताया कि पंजीकृत श्रमिकों का चयन होने के बाद कार्य करने की एवज में प्रतिमाह लगभग 1,40,000 रुपए पारिश्रमिक दिया जाएगा। साक्षात्कार के माध्यम से कंपनी चयन करेगी। इजरायल जाने वाले निर्माण श्रमिकों का श्रम विभाग में 3 वर्ष से पंजीकरण हो और 21 से 45 वर्ष के मध्य उम्र होना जरूरी है। इजरायल जाने वाले श्रमिकों को आने-जाने का खर्चा स्वयं करना होगा। सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत चिकित्सा बीमा एवं प्रवासी भारतीय बीमा योजना 2017 की सुविधाएं अनुमन्य होंगी।

श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखा
वहीं पंजीकरण के लिए श्रमिकों से फोन पर संपर्क किया जा रहा हैं। डीएलसी ने बताया कि पंजीकृत श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्यालय में चार कर्मचारियों के माध्यम से श्रमिकों से फोन पर संपर्क स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में सेरेमिक टाइल्स के 2500, प्लास्टरिंग के 6000, आयरन बॉडिंग के 1500 कुशल कारीगर पंजीकृत हैं। इसके साथ ही उप श्रम आयुक्त का कहना है कि अलीगढ़ से 14, हाथरस में 13, एटा में 15 एवं कासगंज में 12 श्रमिकों ने इजरायल जाने के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है।

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