अखिलेश यादव की जनसभा में भाजपा और सरकार पर तीखा हमला किया, किसानों, नौजवानों और महंगाई को लेकर गहरा विरोध जताया है।
UP By Election 2024 : बंटोगे तो कटोगे के नारे पर अखिलेश यादव ने की तीखी आलोचना, कहा - भाजपा ने अंग्रेजों से सीखा है डिवाइड और रूल का नारा
Nov 15, 2024 17:04
Nov 15, 2024 17:04
- चुनाव तारीख पर सवाल उठाते हुए भाजपा पर हमला
- किसानों की समस्याएं पर सरकार को नाकाम बताया
- महंगाई रोकने में सरकार विफल
चुनाव तारीख पर सवाल उठाते हुए भाजपा पर हमला
अखिलेश यादव ने सबसे पहले उपचुनाव की तारीख पर सवाल उठाया.उन्होंने कहा कि 13 तारीख को होने वाला उपचुनाव भाजपा सरकार के लिए सिरदर्द बन गया था, जिसके बाद चुनाव की तारीख को बदलकर 20 तारीख कर दिया गया । उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को यह डर था कि लोग बदलाव के लिए तैयार हो गए हैं और इसीलिए चुनाव की तारीख में बदलाव किया गया।
किसानों की समस्याएं और सरकार की नाकामी
किसानों की समस्याओं को उठाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करवा पा रही है। उन्होंने कहा, डीएपी खाद का संकट उत्पन्न हो गया है । सरकार किसान भाईयों को डीएपी नहीं दे पा रही है। खाद और बीज की किल्लत है और जो थोड़ा बहुत मिल रहा है, वह भी ब्लैक के दामों पर मिल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि खाद की बोरी चोरी हो रही है और किसान ब्लैक में खाद खरीदने को मजबूर हैं । उन्होंने दावा किया कि जो लोग कहते थे कि वे किसानों की आय दोगुनी करेंगे, वे आज खाद, बीज और डीजल के दामों को नियंत्रित करने में नाकाम साबित हुए हैं।
महंगाई पर हमला
महंगाई को लेकर अखिलेश यादव ने सरकार की नीतियों पर हमला बोलते हुए कहा, आज महंगाई ने लोगों की ज़िंदगी को मुश्किल बना दिया है। डीजल, पेट्रोल, खाद, कीटनाशक दवाइयों की कीमतें आसमान छू रही हैं। किसानों के लिए महंगाई के कारण अब खेती घाटे का सौदा बन गई है, उन्होंने कहा कि महंगाई का कारण सरकार की नीतियां हैं, जो उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए काम करती हैं।
नौजवानों को लेकर भाजपा की साजिश
अखिलेश यादव ने सेना में भर्ती के लिए लागू ‘अग्निवीर योजना’ का विरोध करते हुए कहा कि यह योजना केवल भाजपा सरकार की साजिश है, ताकि वह नौजवानों को स्थायी नौकरी देने से बच सके औऱ बजट को कट कर दिया। उन्होंने कहा, जब समाजवादी पार्टी सत्ता में आएगी तो अग्निवीर योजना को पूरी तरह से समाप्त कर देंगे हम अपने नौजवानों को स्थायी नौकरी देने का काम करेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जानबूझकर नौजवानों को रोजगार नहीं दे रही है और नौकरियों के अवसर कम कर रही है. इस कारण नौजवानों को सड़कों पर आकर संघर्ष करना पड़ता है।
किसानों के आंदोलनों और समाजवादी पार्टी की भूमिका
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि टप्पल क्षेत्र के किसानों ने बड़े आंदोलनों में भाग लिया है, जिनकी वजह से सरकार को अपने काले कानूनों को वापस लेना पड़ा। उन्होंने सपा सरकार के कार्यकाल में किसानों के आंदोलन की सफलता का जिक्र करते हुए बताया कि सपा ने किसानों को मुआवजा देने के लिए सर्किल रेट को बढ़ाया और सड़क निर्माण के कार्य में भी किसानों के साथ कोई भी लाठीचार्ज नहीं किया।
बिजली संकट और सरकारी नीतियां
अखिलेश यादव ने बिजली संकट को लेकर भी भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने हरदुआगंज में बिजली प्लांट का जिक्र करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के समय में यह प्लांट स्थापित किया गया था ताकि किसानों को सस्ती और ज्यादा बिजली मिले, लेकिन भाजपा सरकार के रहते हुए बिजली सस्ती नहीं हुई और इसके बजाय किसानों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है।
पुलिस के मुखिया पर सवाल और बीजेपी की गलत नीतियां
अखिलेश यादव ने पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठाए और कहा कि प्रदेश का पुलिस मुखिया कार्यवाहक है, जोकि पुलिस के मनोबल को गिरा रहा है। उन्होंने कहा. यह सरकार अपने उद्योगपति मित्रों के लिए काम कर रही है और नौजवानों के हक को दबा रही है।
भाजपा की नकारात्मक राजनीति पर कटाक्ष
अखिलेश यादव ने भाजपा के नारे "बंटोगे तो कटोगे" पर तीखा पलटवार करते हुए कहा, यह नारा अंग्रेजों के 'डिवाइड एंड रूल' नीति से लिया गया है, उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि यह पार्टी समाज को बांटने का काम कर रही है, जबकि समाजवादी पार्टी एकता और विकास की बात करती है।
बुलडोजर राजनीति और संविधान का उल्लंघन
अखिलेश यादव ने भाजपा की बुलडोजर राजनीति को भी आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकार गरीबों के घरों को तोड़ने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल कर रही है । उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की तारीफ करते हुए कहा कि कोर्ट ने इस बुलडोजर राजनीति को रोका है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
AMU और आरक्षण पर बयान
अखिलेश यादव ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) और आरक्षण मुद्दे पर भी टिप्पणी की। उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि अगर उन्हें किसी विश्वविद्यालय में आरक्षण की चिंता है, तो क्यों नहीं देश के सभी विश्वविद्यालयों में आरक्षण की व्यवस्था की जाती है। अगर उन्हें एक यूनिवर्सिटी याद आ रही है. देश की सभी यूनिवर्सिटी को बता दो कि वहां पर आरक्षण क्या है.सच्चाई तो यह है कि 15% भी PDA परिवार के लोग नौकरी नहीं पा रहे हैं, जो प्रोफेसर की बड़ी नौकरिया है . उसमें भी 15% से ज्यादा नौकरी नहीं मिल पा रही हैं. उनके साथ भेदभाव हो रहा है. उनके साथ बड़े पैमानेB पर अन्याय हो रहा है, उन्होंने कहा कि यह लंबी लड़ाई संविधान बचाने की है।
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