अधिकारियों की मिलीभगत का पर्दाफाश होने के बाद यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में हड़कंप मच गया। इस पूरी घटना ने बोर्ड के अधिकारियों के कामकाज को संदेह के घेरे में ला दिया है।
सीएम योगी की सख्ती का असर : तीन अवैध बूचड़खानों की एनओसी होगी निरस्त, नियमों को ताक पर रखकर मिले लाइसेंस
Nov 15, 2024 19:11
Nov 15, 2024 19:11
मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला, बोर्ड और पर्यावरण विभाग में हड़कंप
अधिकारियों की मिलीभगत का पर्दाफाश होने के बाद यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में हड़कंप मच गया। इस पूरी घटना ने बोर्ड के अधिकारियों के कामकाज को संदेह के घेरे में ला दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए बोर्ड के अधिकारियों ने इन बूचड़खानों को नोटिस जारी कर दिया है और उनकी एनओसी को निरस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि योगी सरकार अवैध गतिविधियों को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी।
अवैध बूचड़खानों पर योगी सरकार की सख्ती और बोर्ड अधिकारियों की मिलीभगत
योगी सरकार ने प्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर कड़ी रोक लगा दी है। स्लाटर हाउस के लाइसेंस के लिए आवेदन की प्रक्रिया को भी सख्त बना दिया गया है, जिससे किसी भी तरह की अनुशासनहीनता की संभावना को कम किया जा सके। हालांकि, कुछ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने इस प्रक्रिया का फायदा उठाते हुए अवैध बूचड़खानों को एनओसी जारी कर दी। यह मामला तब सामने आया जब शिकायतों के बाद जांच की गई और पाया गया कि कुछ अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर इन बूचड़खानों को लाइसेंस जारी किया था।
जांच में खुलासा, बड़े अधिकारियों पर गिरी गाज
इस मामले की जांच करने के लिए बोर्ड के पांच सदस्यीय दल ने अपनी जांच शुरू की। जांच के दौरान, बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी (प्रशासन) विवेक राय और क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी अनिल माथुर को निलंबित कर दिया गया। साथ ही पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह, उनके प्रधान निजी सचिव राजीव कुमार और सचिव आशीष तिवारी को भी हटाया गया। इन सभी अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। फिलहाल, इस मामले में और भी सख्त कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
एनओसी निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू
जानकारी के मुताबिक तीनों बूचड़खानों को दी गई एनओसी को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन बूचड़खानों के संचालकों द्वारा भेजे गए जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए हैं, जिससे इनकी एनओसी निरस्त करना अनिवार्य हो गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी नोटिस के बाद अब इन बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। इस कदम से सरकार की ओर से अवैध कारोबारों पर कड़ी नकेल कसने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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