अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में देशभर के उलेमाओं और धार्मिक विद्वानों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें इस्लाम के आधुनिकीकरण और मौजूदा समय में मुस्लिम...
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम : वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर बोले महासचिव-सरकार हमारे धार्मिक मामलों में न करें हस्तक्षेप
Aug 12, 2024 02:16
Aug 12, 2024 02:16
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव का बड़ा बयान
इस मौके पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुज्जदी ने धार्मिक मामलों में सरकार के हस्तक्षेप पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश के संविधान ने हमें धार्मिक संस्थान स्थापित करने और धार्मिक शिक्षा प्रदान करने का अधिकार दिया है। ऐसे में, सरकार को हमारे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धार्मिक स्वतंत्रता भारतीय संविधान के तहत संरक्षित है और इसे किसी भी प्रकार से कमतर नहीं किया जाना चाहिए।
मदरसों में आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता
मौलाना फजलुर रहीम मुज्जदी ने अपने संबोधन में कहा कि मदरसों को समय के साथ अपनी शैक्षणिक व्यवस्था को अद्यतन करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि आज के समय में मदरसों में आधुनिक शिक्षा का अभाव है। उन्होंने कहा कि धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी मदरसों में दी जानी चाहिए, ताकि छात्रों को समय के अनुरूप ज्ञान प्राप्त हो सके और वे आधुनिक दुनिया का सामना करने के लिए तैयार हो सकें।
उन्होंने सुझाव दिया कि मदरसों के पाठ्यक्रम में आधुनिक शिक्षा का समावेश किया जाना चाहिए, जिससे छात्रों को विज्ञान, गणित, और अन्य आधुनिक विषयों की जानकारी प्राप्त हो सके। इस संदर्भ में, उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में यह तय किया जाएगा कि मदरसों के पाठ्यक्रम में आधुनिक शिक्षा का कितना हिस्सा शामिल होना चाहिए और इसके लिए कौन-कौन से सत्र शुरू किए जाएंगे।
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर प्रतिक्रिया
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के बारे में बात करते हुए मौलाना फजलुर रहीम मुज्जदी ने कहा कि सरकार को हमारे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया है, जिसमें 10 राज्यसभा और 21 लोकसभा सदस्य शामिल हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि इन सदस्यों से मुलाकात कर उनकी मांगों को उनके सामने रखा जाएगा और यह भी बताया जाएगा कि वे किसी भी राजनीतिक दल या धर्म से हों, उन्हें हमारे अधिकारों का समर्थन करना चाहिए।
मुद्दे पर मौलाना की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों और उन्हें निशाना बनाए जाने के बारे में एक सवाल के जवाब में मौलाना फजलुर रहीम मुज्जदी ने कहा कि किसी भी देश में अल्पसंख्यकों के जीवन, संपत्ति और सम्मान की रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून किसी भी बहुसंख्यक समुदाय को अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने की इजाजत नहीं देता है। मौलाना ने स्पष्ट किया कि अगर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है, तो हम इसका कड़ा विरोध करते हैं और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसे अत्याचारों को रोका जाए।
सम्मेलन का निष्कर्ष
इस सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी विद्वानों और उलेमाओं ने एकजुट होकर इस्लाम के आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया और धार्मिक मामलों में सरकारी हस्तक्षेप को अस्वीकार्य बताया। उन्होंने मदरसों में आधुनिक शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपने संकल्प को दोहराया। इस सम्मेलन से यह संदेश स्पष्ट रूप से निकलकर आया कि मुस्लिम समुदाय अपने धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित होकर खड़ा रहेगा और किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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