उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा उपचुनावों में बहुजन समाज पार्टी (BSP) को करारी हार का सामना करना पड़ा। खैर उपचुनाव में भी बसपा को करारी हार का सामना करना पड़ा।
यूपी उपचुनाव में बसपा का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन : खैर में जमानत भी नहीं बचा सके, मायावती ने किया बड़ा ऐलान
Nov 24, 2024 17:06
Nov 24, 2024 17:06
- उपचुनाव खैर में निराशाजनक प्रदर्शन
- बसपा हार की कर रही समीक्षा
- बसपा का बदलता रणनीतिक रुख
उपचुनाव खैर में निराशाजनक प्रदर्शन
खैर विधानसभा सीट पर 2022 के चुनावों में बसपा दूसरे स्थान पर थी। पार्टी उम्मीदवार चारु केन ने उस समय 25.98% वोट हासिल किए थे। लेकिन इस बार उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी पहल सिंह को मात्र 7.2% वोट ही मिल पाए। उन्हें कुल 13,365 वोट मिले, जबकि आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवार को 8,269 वोट प्राप्त हुए।
बसपा हार की कर रही समीक्षा
बसपा के प्रदर्शन में इस गिरावट को पार्टी के लिए अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन माना जा रहा है। मंडल प्रभारी रतन दीप सिंह ने कहा कि हार की समीक्षा की जाएगी और कमजोरियों पर मंथन किया जाएगा। बसपा नेताओं ने इस हार के लिए तीन प्रमुख कारण गिनाए है । पहला यह कि आजाद समाज पार्टी का प्रभाव बढ़ रहा है, आजाद समाज पार्टी ने बसपा के पारंपरिक वोट बैंक में सेंधमारी की। दूसरा यह कि समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार मजबूत रहा। खैर में सपा प्रत्याशी का जाटव समाज से होना बसपा की हार का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। तीसरा बसपा ने अनुभवहीन प्रत्याशी उतारा, बसपा उम्मीदवार डॉक्टर पहल सिंह के पास सियासी पृष्ठभूमि का अभाव भी पार्टी के खराब प्रदर्शन का कारण बना ।
बसपा का बदलता रणनीतिक रुख
सन् 2002 में प्रमोद गौड़ की जीत के बाद खैर में बसपा का प्रदर्शन लगातार कमजोर होता गया। 2007 से लेकर 2022 तक पार्टी दूसरे स्थान पर रही, लेकिन इस उपचुनाव में वोट शेयर में भारी गिरावट आई। मायावती का ऐलान कि पार्टी अब उपचुनाव नहीं लड़ेगी, बसपा के रणनीतिक रुख में बड़े बदलाव की ओर संकेत करता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले विधानसभा चुनावों में बसपा इस प्रदर्शन से उबरने के लिए क्या कदम उठाती है ।
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