अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में आरक्षण की मांग को लेकर AMU छात्र आरक्षण मोर्चा ने सोमवार को प्रदर्शन किया।
AMU में दलित और OBC आरक्षण लागू करने की गूंज : छात्रों ने प्रदर्शन व हस्ताक्षर अभियान से उठाई संवैधानिक मांग
Nov 25, 2024 18:06
Nov 25, 2024 18:06
- 26 नवंबर को बड़े प्रदर्शन की घोषणा
- 26 नवंबर को बड़े प्रदर्शन की घोषणा
- हस्ताक्षर अभियान और केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मुलाकात की योजना
- संवैधानिक अधिकारों की मांग को लेकर संघर्ष जारी
26 नवंबर को बड़े प्रदर्शन की घोषणा
एएमयू छात्र आरक्षण मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने ऐलान किया कि 26 नवंबर को एएमयू सर्किल पर एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। इस आंदोलन के तहत छात्रों ने एक महाहस्ताक्षर अभियान की शुरुआत भी की है, जिसमें बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया। एएमयू सर्किल पर छात्र आरक्षण के संदर्भ में जिला प्रशासन व एएमयू इंतजामियां को एक ज्ञापन सौंपेगा।
पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता सौरभ चौधरी ने बताया कि इस मांग को लेकर एक पांच सूत्रीय ज्ञापन राष्ट्रपति को संबोधित कर जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा गया है। उन्होंने कहा, हमारी मांग है कि देश के अन्य 27 केंद्रीय विश्वविद्यालयों की तरह एएमयू में भी एससी, एसटी, ओबीसी और आदिवासी छात्रों को आरक्षण का संवैधानिक लाभ दिया जाए। यह अभियान 2015 से चल रहा है, लेकिन एएमयू प्रशासन अब तक बाबा साहब के संविधान को लागू करने में विफल रहा है। सौरभ चौधरी ने बताया कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHI) जैसे अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में सभी वर्गों के छात्रों को आरक्षण का लाभ दिया जाता है, लेकिन एएमयू में दलित और ओबीसी छात्रों को इस अधिकार से वंचित रखा गया है।
हस्ताक्षर अभियान और केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मुलाकात की योजना
छात्र नेता दीपक शर्मा आज़ाद ने जानकारी दी कि प्रदर्शन के साथ-साथ हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान के जरिए मांग की जा रही है कि एएमयू में दलित और ओबीसी वर्ग को आरक्षण का अधिकार मिले। उन्होंने कहा, जल्द ही एक पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाएगा। दीपक शर्मा ने आगे कहा कि बीएचयू दलित और ओबीसी छात्रों को आरक्षण देता है, लेकिन एएमयू में यह लागू नहीं है। हमारी लड़ाई किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को लागू करवाने के लिए है।
संवैधानिक अधिकारों की मांग को लेकर संघर्ष जारी
एएमयू छात्र आरक्षण मोर्चा के सदस्य कौशल दिवाकर ने कहा कि दलितों और पिछड़ों के संवैधानिक अधिकारों के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, एएमयू में आरक्षण लागू करना हमारा अधिकार है। जब तक यह मांग पूरी नहीं होती, हमारा संघर्ष जारी रहेगा। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि एएमयू प्रशासन संविधान के तहत दिए गए आरक्षण नियमों को लागू करने से बच रहा है।
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