कृतार्थ हत्याकांड : तंत्र-मंत्र की यहां सजती थी दुकान, जसोदन की शर्मनाक हरकत से गांववाले सदमे में

तंत्र-मंत्र की यहां सजती थी दुकान, जसोदन की शर्मनाक हरकत से गांववाले सदमे में
UPT | हाथरस कृतार्थ हत्याकांड में बड़ा खुलासा

Sep 28, 2024 11:44

हाथरस के रसगवां गांव स्थित डीएल पब्लिक स्कूल में कक्षा दो के छात्र कृतार्थ की हत्या मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

Sep 28, 2024 11:44

Hathras News : हाथरस के रसगवां गांव स्थित डीएल पब्लिक स्कूल में कक्षा दो के छात्र कृतार्थ की हत्या मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि इस हत्या के पीछे स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल और उसके पिता जसोदन का तांत्रिक कर्म था। जानकारी के मुताबिक, जसोदन ने अपने नलकूप पर तंत्र-मंत्र की दुकान सजा रखी थी, जहां लाल मिर्च, राख, सिंदूर की डिब्बी और कटे हुए नाखून पाए गए। 

हाथरस कृतार्थ हत्याकांड में तंत्र-मंत्र का खुलासा
ग्रामीणों का कहना है कि जसोदन बीते 20 साल से तंत्र-मंत्र कर रहा था और शाम ढलते ही लोग उसके पास अपने समस्याओं का समाधान कराने आते थे। वह ऊपरी हवा का डर दिखाकर लोगों को ठगता था। रसगवां के लोग भी इस हत्याकांड के खुलासे से स्तब्ध हैं, क्योंकि जिस स्कूल में बच्चों को अंधविश्वास से दूर रहने की शिक्षा दी जाती थी, वहीं का प्रबंधन खुद इन कुरीतियों में लिप्त था।

स्कूल की तरक्की के लिए बलि की योजना
पांच दिन पहले, स्कूल के छात्रावास में कृतार्थ की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि स्कूल की तरक्की के लिए प्रबंधक दिनेश और उसके पिता जसोदन कृतार्थ को बलि देने के लिए ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में बच्चे के जागने पर उसकी हत्या कर दी गई।



ग्रामीणों ने जसोदन को तांत्रिक बताया
ग्रामीणों ने बताया कि जसोदन पहले तंत्र-मंत्र करता था, लेकिन जब पांच साल पहले उसे लकवा मार गया, तब उसने यह काम बंद कर दिया था। हालांकि, हाल ही में वह फिर से तांत्रिक क्रियाओं में जुट गया था, लेकिन उसे कभी किसी इंसान की बलि देने की जानकारी ग्रामीणों को नहीं थी। 

बिना मान्यता के स्कूल संचालन पर मामला दर्ज
इसके साथ ही, स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल पर बिना मान्यता के कक्षाएं और आवासीय विद्यालय चलाने का मामला भी दर्ज किया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी पूनम चौधरी ने बताया कि विद्यालय के पास केवल कक्षा एक से पांचवीं तक की मान्यता थी, लेकिन धोखाधड़ी से कक्षा छह से आठ तक की कक्षाओं का भी संचालन किया जा रहा था। इस घटना को लेकर राष्ट्रीय बाल आयोग ने भी संज्ञान लिया है और जल्द ही एक टीम जांच के लिए हाथरस पहुंचेगी। 

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