हाथरस में स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर से विवादों में आ गया है। सरकारी अस्पतालों में अक्सर इलाज में लापरवाही और अव्यवस्थाओं के मामले सामने आते रहते हैं, और इस बार भी ऐसा ही एक मामला चर्चा में है। महिला जिला अस्पताल में गर्भवती महिला ने आरोप लगाया है कि उसकी डिलीवरी के लिए डॉक्टर और आशा कार्यकर्ता ने उससे रिश्वत ली।
स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में : हाथरस के जिला अस्पताल के डॉक्टर और आशा कार्यकर्ता ने मांगी रिश्वत, जानें पूरा मामला
Sep 08, 2024 23:53
Sep 08, 2024 23:53
आरोपों की गंभीरता
महिला मरीज के परिजनों का कहना है कि डिलीवरी के दौरान ऑपरेशन के नाम पर अस्पताल में मौजूद महिला डॉक्टर ने उनसे 13 हजार रुपये की मांग की। पहले 8 हजार रुपये की बात हुई थी, लेकिन बाद में इमरजेंसी का हवाला देकर 2 हजार रुपये और फिर अन्य सुविधाओं के नाम पर 3 हजार रुपये और बढ़ा दिए गए। मरीज के भाई ने आरोप लगाया कि उसकी बहन, ज्योति, जो सादाबाद थाना क्षेत्र के बिसावर गांव की निवासी है, को प्रसव पीड़ा होने पर महिला जिला अस्पताल लाया गया था। यहां एक डॉक्टर और आशा कार्यकर्ता ने ऑपरेशन के लिए पैसे मांगे।
इलाज में लापरवाही और धमकियां
ज्योति के परिजनों का कहना है कि जब उन्होंने पैसे देने से मना किया तो उन्हें धमकी दी गई कि मरीज को अस्पताल से रेफर कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, जब ऑपरेशन हो गया और बच्चा पैदा हो गया, तब भी अस्पताल का स्टाफ बच्चा या मां की देखभाल करने के लिए नहीं आया। स्टाफ सिर्फ और सिर्फ पैसे की मांग कर रहा था। इस पूरे घटनाक्रम से मरीज के परिवारजन हतप्रभ हैं और उन्होंने इसे अस्पताल की गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार करार दिया है।
ऑपरेशन के बाद घूस का आरोप
ज्योति की डिलीवरी ऑपरेशन के जरिए हुई थी, और आरोप है कि डॉक्टर मंजू रानी और आशा कार्यकर्ता ने इस ऑपरेशन के लिए पैसे मांगे। पहले 8 हजार रुपये मांगे गए, लेकिन बाद में यह राशि बढ़ाकर 13 हजार रुपये कर दी गई। जब परिवार ने इस पर सवाल उठाया तो उन्हें धमकी दी गई कि मरीज को रेफर कर दिया जाएगा।
डीएम के निरीक्षण के दौरान हुआ हंगामा
इस घटना के दौरान, जिला अधिकारी (डीएम) आशीष कुमार अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे, लेकिन उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं दी गई। जब डीएम से इस मामले पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है। इससे साफ होता है कि अस्पताल में हो रहे भ्रष्टाचार और लापरवाही को प्रशासन की नजरों से छिपाया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की गिरती साख
यह मामला केवल हाथरस जिले के स्वास्थ्य विभाग की गिरती साख को उजागर नहीं करता, बल्कि सरकारी अस्पतालों में हो रही लापरवाही और भ्रष्टाचार की बढ़ती प्रवृत्ति को भी सामने लाता है। इस घटना से एक बार फिर साबित होता है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले गरीब और जरूरतमंद मरीजों को भी रिश्वत देकर इलाज करवाना पड़ता है।
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