प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होने वाले महाकुंभ को स्वच्छ और कचरा मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एक अभिनव अभियान शुरू किया है।
महाकुंभ में आरएसएस की अभिनव पहल : हर हाथ में कपड़े का थैला और थाली, स्वच्छता का देंगे संदेश
Nov 26, 2024 21:42
Nov 26, 2024 21:42
- हर घर से कपड़े के थैले और थालियों का होगा संग्रह
- धार्मिक के साथ पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी एक पवित्र आयोजन
- स्वयंसेवकों की भागीदारी
- कचरे को कम करने की है अनूठी पहल
हर घर से कपड़े के थैले और थालियों का होगा संग्रह
आरएसएस के क्षेत्रीय संयोजक रणवीर ने बताया कि इस अभियान के तहत हर घर से कपड़े के थैले और स्टील की थालियां एकत्र की जा रही हैं। इनका निशुल्क वितरण कुंभ मेले के दौरान किया जाएगा, ताकि श्रद्धालु प्लास्टिक और पत्तलों का उपयोग न करें। अलीगढ़ में मंगलवार को इस अभियान की शुरुआत दीपक रेस्टोरेंट में एक बैठक के दौरान हुई। रणवीर ने कहा, हमारा उद्देश्य कुंभ को स्वच्छ, कचरा मुक्त और पर्यावरणीय दृष्टि से टिकाऊ बनाना है। हर घर से एक थैला और एक थाली संग्रह कर तीर्थ यात्रियों तक पहुंचाया जाएगा।
धार्मिक के साथ पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी एक पवित्र आयोजन
महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती ने आरएसएस की इस पहल को हरित कुंभ नाम दिया है। उन्होंने कहा कुंभ मेले के अंत में संगम और उसके आसपास प्लास्टिक और कचरा देखने को नहीं मिलेगा। यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी एक पवित्र आयोजन होगा।
स्वयंसेवकों की भागीदारी
आरएसएस के विभाग सह प्रचार प्रमुख राज नारायण सिंह ने बताया कि अलीगढ़ सहित कई स्थानों पर कपड़े के थैले और स्टील की थालियों का संग्रह हो रहा है। इन सामग्रियों को सौ-सौ के बंडलों में पैक कर प्रयागराज भेजा जाएगा। कुंभ के प्रवेश द्वारों पर स्वयंसेवक लगभग 25 से 30 लाख थैलों और थालियों को वितरित करेंगे।
कचरे को कम करने की है अनूठी पहल
महाकुंभ के दौरान लगभग 40 हजार टन कचरा उत्पन्न होने की संभावना है। प्लास्टिक और पॉलीथिन से संगम और तीर्थ नगरी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए आरएसएस का यह अभियान एक अहम कदम है। यह पहल मेले में प्लास्टिक के गिलास, पत्तलों और पॉलीथिन के उपयोग को सीमित कर पर्यावरण संरक्षण में मददगार होगी। रणवीर ने कहा हर श्रद्धालु के पास भोजन के लिए थाली और सामान रखने के लिए कपड़े का थैला होगा, जिससे प्लास्टिक के उपयोग की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
सामाजिक जागरूकता का है उद्देश्य
आरएसएस का यह अभियान केवल कचरा प्रबंधन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने का भी प्रयास है। रणवीर ने इस पुनीत कार्य में सभी से भागीदारी की अपील करते हुए कहा, अगर हर घर से एक थैला और एक थाली आती है, तो हम न केवल कुंभ को स्वच्छ और कचरा मुक्त बना सकते हैं, बल्कि इसे एक मिसाल भी बना सकते हैं। 13 जनवरी से शुरू होने वाले इस 45 दिन के महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करेंगे। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के कारण गंदगी और प्रदूषण की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, आरएसएस की यह पहल कुंभ मेले को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
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