आगरा में फटा प्रदूषण बम : डेंजर जोन में पल्यूशन, अस्थमा और एलर्जी का अटैक, कई लोग अस्पताल में...

UPT | आतिशबाजी कर प्रदूषण फैलाते लोग।

Nov 02, 2024 11:18

देश में दीपावली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। वैश्विक पर्यटन नगरी में दीपावली से पूर्व ही प्रदूषण मॉडरेट जोन में चल रहा था। दीपावली की रात से प्रदूषण का ऐसा बम फटा कि यह उसका स्तर मॉडरेट जोन से डेंजर जोन में...

Agra News : देश में दीपावली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। वैश्विक पर्यटन नगरी में दीपावली से पूर्व ही प्रदूषण मॉडरेट जोन में चल रहा था। दीपावली की रात से प्रदूषण का ऐसा बम फटा कि यह उसका स्तर मॉडरेट जोन से डेंजर जोन में पहुंच गया। यह दीपावली पर फोड़े गए बम यानि कि आतिशबाजी के चलते हुआ है। आगरावासियों ने जमकर आतिशबाजी की। यहां 31 अक्टूबर और एक नवंबर को दीपावली मनाई गई। यहां पर जमकर आतिशबाजी की गई। आतिशबाजी के बाद प्रदूषण का ऐसा विस्फोट हुआ कि लोगों का सांस लेना भी दुश्वार हो गया। आगरा की हवाएं जहरीली हो गईं। आसमान में सिर्फ धुआं ही धुआं दिखाई दे रहा था। 31 अक्टूबर के साथ-साथ एक नवंबर को भी प्रदूषण के स्तर में कोई सुधार नहीं दिखा। विशेषज्ञों का कहना है कि आगरा का यह प्रदूषण का स्तर कई दिनों तक रह सकता है। 

ये है पीएम का स्तर
ताजनगरी पिछले 15 दिनों से मॉडरेट जोन में चल रही है। 31 अक्टूबर की रात से यह मॉडरेट जोन डेंजर जोन में तब्दील हो गया। इसका मुख्य कारण था आगराइट्स द्वारा की गई जमकर आतिशबाजी। आगरा में 31 अक्टूबर को पीएम 2.5 का स्तर 500 के करीब रहा। वहीं, एक नवंबर को आवास विकास-500 , शाहजहां गार्डन-443, रोहता-463, संजय प्लेस-304 रहा। उधर, पीएम 10 भी रिकॉर्ड स्तर पर दर्ज किया है। पीएम 10 शाहजहां गार्डन में-430, आवास विकास-500, संजय प्लेस-488 और रोहता में-494 का स्तर देखने को मिला। आगरा में सबसे खराब प्रदूषण का स्तर आवास विकास में देखा गया। वहां पर पीएम 2.5 के साथ-साथ पीएम 10 भी 500 के करीब ही रहा है। 

और परेशान करेगा प्रदूषण
एक नवंबर की भी देर रात तक जमकर आतिशबाजी की गई। प्रदूषण का स्तर डेंजर जोन में पहुंचने के चलते सांस, अस्थमा एवं एलर्जी के रोगियों को अधिक समस्या देखने को मिली। इस तरह के मरीज डॉक्टर्स के पास पहुंचने लगे। जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में ऐसे एक दर्जन से अधिक मरीजों को भर्ती किया गया है। ये मरीज 40 से लेकर 70 वर्ष तक की उम्र के हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि 401 से लेकर 500 पीएम तक पहुंचने के बाद स्वस्थ लोगों पर भी प्रदूषण का कुप्रभाव देखने को मिलता है। सरकारी जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी अस्थमा एवं एलर्जी अटैक के मामलों की अच्छी खासी संख्या देखने को मिली। चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों का कहना है कि अभी यह प्रदूषण आगरा के लोगों को और परेशान करेगा, क्योंकि इस प्रदूषण का स्तर आगरा में कम से कम 10 दिनों तक रह सकता है।

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