आगरा पुलिस कमिश्नरी की पहल : अपराध रोकने के साथ बचाएंगे लोगों की जान, महिला पुलिसकर्मियों को दी गई सीपीआर ट्रेनिंग

UPT | महिला पुलिसकर्मियों को सीपीआर ट्रेनिंग दी गई

Dec 15, 2024 18:32

पुलिस कमिश्नरी बनने के बाद आगरा में पुलिस हाईटेक हुई है, पुलिस के आधुनिकरण करने के बाद अपराध में भी कमी देखने को मिल रही...

Agra News : आगरा पुलिस कमिश्नरी बनने के बाद शहर में पुलिस की कार्यशैली में काफी बदलाव आया है। पुलिस के आधुनिकीकरण की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं, जिससे अपराध दर में कमी आई है। पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड के नेतृत्व में, आगरा पुलिस 24 घंटे सक्रिय रहते हुए अपराध को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है। इसके साथ ही, पुलिसकर्मी ताबड़तोड़ एनकाउंटर भी कर रहे हैं ताकि अपराधियों को पकड़ कर कानून के हवाले किया जा सके। अब पुलिसकर्मियों की भूमिका केवल अपराध रोकने तक सीमित नहीं रही, बल्कि वे अब आम जनता की जान बचाने के कार्य में भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।

लोगों की जान बचाएगी पुलिस
आगरा पुलिस कमिश्नरी के इस नए कदम से साफ है कि पुलिसकर्मी अब केवल अपराधियों का पीछा करने के अलावा, लोगों की जीवन रक्षा के लिए भी तैयार हैं। अगर कोई व्यक्ति दिल के दौरे या हृदयाघात से पीड़ित होकर सड़क पर गिरता है, तो उसे सीपीआर देने का काम भी पुलिसकर्मी करेंगे। यह कदम न केवल लोगों की जान बचाने में मदद करेगा, बल्कि पुलिस की भूमिका को और भी संवेदनशील और मानवतापूर्ण बनाएगा। यह नया प्रयास आगरा पुलिस कमिश्नरी की आधुनिकता और समर्पण का प्रतीक है।



ट्रेनिंग में क्या सिखाया गया
इस पहल को साकार करने के लिए, आगरा पुलिस कमिश्नरी ने अपनी महिला पुलिस बीट अधिकारियों और प्रशिक्षु उप निरीक्षकों के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजिस्ट से विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की है। इस प्रशिक्षण में महिला पुलिसकर्मियों को यह सिखाया जा रहा है कि अगर किसी व्यक्ति को सीपीआर देने की आवश्यकता हो, तो उन्हें कितनी बार सीपीआर देना है और कितनी सांसें मरीज को देनी हैं। यह प्रशिक्षण, खासकर उन स्थितियों में, किसी की जान बचाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

एसीपी सुकन्या शर्मा ने दी जानकारी
आगरा पुलिस की इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए, मीडिया सेल और महिला सुरक्षा की प्रभारी एसीपी सुकन्या शर्मा ने बताया कि पुलिसकर्मियों को जीवन रक्षक सीपीआर प्रशिक्षण के अलावा, एक इंटीग्रेटेड वुमन एंड चाइल्ड विंग का भी गठन किया जा रहा है। इस विंग के माध्यम से महिला कांस्टेबल और महिला उप निरीक्षक पीड़ितों के साथ पूरी तरह से सहायता प्रदान करेंगे। यह विंग महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों की प्राथमिकी दर्ज करने से लेकर, उन्हें पुलिस के सपोर्ट सिस्टम में मदद देने तक का कार्य करेगा।

आगरा पुलिस का सराहनीय कदम
आगरा पुलिस की यह नई पहल न केवल अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में सक्रिय है, बल्कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे रही है। पुलिस के इस प्रयास से यह भी स्पष्ट होता है कि वे महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए एक मजबूत समर्थन प्रणाली विकसित कर रहे हैं। इस पूरी प्रणाली का उद्देश्य पीड़ितों को न केवल कानूनी, बल्कि मानसिक और शारीरिक समर्थन भी प्रदान करना है। आगरा पुलिस कमिश्नरी की यह पहल निस्संदेह एक सराहनीय कदम है और आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह कैसे फलित होती है।
ये भी पढ़ें- 46 साल बाद खुले मंदिर की रातभर हुई सफाई : प्रशासन ने लगवाए सीसीटीवी कैमरे, सुबह भक्तों ने की हनुमान आरती

Also Read