बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों का विरोध : समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा- केंद्र सरकार दबाव बनाकर हिंसा रोकने में मदद करे

UPT | प्रेसवार्ता करते सपा नेता।

Dec 15, 2024 15:05

बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे हमले थमने का नाम नहीं ले रहे। हिंदुओं का जनसंहार किया जा रहा है और वहां की सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है, जबकि भारत और अन्य जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

Agra News : बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे लगातार हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं का जनसंहार किया जा रहा है, और वहां की सरकार इस पर मौन है। भारत में इस मुद्दे पर हिंदूवादी संगठन और भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अब बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी आवाज उठाई है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने उत्तर प्रदेश टाइम्स से विशेष बातचीत में कहा कि यह अत्यंत दुख की बात है कि बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या हो रही है और केंद्र सरकार इस पर चुप है।



सपा नेता ने कहा- उनकी पार्टी हमेशा देश-विदेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों का विरोध करती है 
रामजीलाल सुमन ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि बांग्लादेश, जो कि 1971 में हमारे द्वारा ही बनाया गया एक छोटा सा देश है, आज वही हिंदुओं का कत्लेआम कर रहा है।” सपा नेता ने आगे कहा कि उनका और उनकी पार्टी का हमेशा यह सिद्धांत रहा है कि किसी भी देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों का विरोध किया जाए। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत सरकार को इस मुद्दे को लेकर बांग्लादेश पर दबाव बनाना चाहिए।

1950 का लियाकत अली-नेहरू समझौता
रामजीलाल सुमन ने बातचीत के दौरान 1950 के लियाकत अली-नेहरू समझौते का भी उल्लेख किया। इस समझौते में भारत और पाकिस्तान के तत्कालीन नेताओं ने दोनों देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का वादा किया था। यह समझौता 8 अप्रैल 1950 को दिल्ली में पंडित जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के बीच हुआ था। सुमन ने कहा, “इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच शांति और आपसी सौहार्द सुनिश्चित करना था और यह सुनिश्चित करना था कि दोनों देशों में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मिले।”

सपा नेता ने आगे कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं, पर हमलों की स्थिति तब से बिगड़ी है जब से शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से हटे हैं। उन्होंने कहा कि इस बदलाव के बाद से ही हिंदुओं को निशाना बनाकर हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं, और इन हमलों में वृद्धि देखने को मिली है।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा
सुमन ने बताया कि बांग्लादेश में कुल 17 करोड़ की आबादी में लगभग डेढ़ करोड़ हिंदू, 10 लाख बौद्ध और 5 लाख ईसाई समुदाय के लोग रहते हैं। उन्होंने बताया कि इन समुदायों पर हमले बढ़ रहे हैं और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इन हमलों के सिलसिले में 70 लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन यह संख्या अपर्याप्त है।

उत्तर प्रदेश टाइम्स से बातचीत में रामजीलाल सुमन ने यह भी कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश सरकार पर इस मुद्दे को लेकर कोई ठोस दबाव नहीं बना पा रही है। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या समाजवादी पार्टी ने इस मामले में समय रहते विरोध क्यों नहीं किया, तो सुमन ने स्पष्ट रूप से कहा, “हमने हमेशा अल्पसंख्यकों के हितों के लिए आवाज उठाई है, चाहे वह अजमेर शरीफ का मामला हो या फिर संभल में मस्जिद का मामला।” उन्होंने यह भी कहा कि सपा कश्मीर के मुद्दे पर भी हमेशा सक्रिय रही है।

प्रधानमंत्री से अपील
रामजीलाल सुमन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाएं और बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के कत्लेआम पर ठोस रणनीति के तहत बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालें। सुमन ने कहा, “कहीं ना कहीं इस मामले में भारत सरकार से चूक हुई है। अब समय आ गया है कि भारत सरकार इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाए और बांग्लादेश पर कार्रवाई का दबाव बनाए।” बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने मजबूती से अपना विरोध व्यक्त किया है। रामजीलाल सुमन ने इस गंभीर मामले पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा हर देश की जिम्मेदारी होती है, और यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले नहीं रुकते, तो भारत को बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालना चाहिए। उन्होंने इस मामले को संसद में उठाने का भी वादा किया। अब यह देखना होगा कि क्या भारत सरकार इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी कदम उठाएगी और बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाएगी। 

ये भी पढ़े : नोएडा अथॉरिटी के पूर्व OSD के घर छापेमारी : 1.5 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति का हुआ खुलासा, जांच में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े 

Also Read