Agra News : पैंटून पुल न बनने से एमपी और यूपी के व्यापारियों में रोष, जानें कैसे करते हैं आवाजाही... 

UPT | चंबल नदी पर पैंटून पुल न बनने से एमपी और यूपी के व्यापारियों में रोष।

Nov 04, 2024 12:19

जिले की बाह विधानसभा में आने वाले पिनाहट में बहने वाली चंबल नदी के उस पार मध्य प्रदेश है। पिनाहट के लोगों का मध्य प्रदेश से रोटी बेटी का रिश्ता है। यही नहीं, दोनों तरफ व्यापार भी ठीक-ठाक होता है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में...

Short Highlights
  • आम आदमी एवं व्यापारी स्टीमर से जाने को मजबूर, लोगों की जान से हो रहा खिलवाड़।
  • पिनाहट और एमपी के बीच हो चुके हैं कई हादसे, पीडब्ल्यूडी को फिक्र नहीं। 
Agra News : जिले की बाह विधानसभा में आने वाले पिनाहट में बहने वाली चंबल नदी के उस पार मध्य प्रदेश है। पिनाहट के लोगों का मध्य प्रदेश से रोटी बेटी का रिश्ता है। यही नहीं, दोनों तरफ व्यापार भी ठीक-ठाक होता है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग दोनों तरफ से आवागम करते हैं। आवागमन के लिए स्टीमर के साथ-साथ यहां पर पीपों का पुल भी बनाया जाता है। यह पुल 15 अक्टूबर तक बन जाना चाहिए था। लेकिन, अभी तक पुल का निर्माण न होने से स्थानीय व्यापारियों एवं आम लोगों में रोष व्याप्त है। 

तय समय पर नहीं बना पुल
बताया जा रहा है कि पिनाहट में चंबल नदी घाट पर पीपे का पुल उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाया जाता है। जिसे प्रतिवर्ष 15 जून से 14 अक्टूबर तक हटा दिया जाता है। इस दौरान पिनाहट (यूपी) और मध्य प्रदेश के बीच में स्टीमर का संचालन किया जाता है। इस पुल के निर्माण की अंतिम तारीख 15 अक्टूबर निकल चुकी है। अभी तक पीपों के पुल का निर्माण कार्य पूर्ण न होने के चलते स्थानीय व्यापारियों में भारी रोष व्याप्त है। स्थानीय व्यापारियों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। अब व्यापारियों के इस विरोध प्रदर्शन को भारतीय किसान यूनियन ने भी अपना समर्थन दे दिया है। भारतीय किसान यूनियन ने इस पुल के जल्द निर्माण न होने से आंदोलन की चेतावनी दी है। 

वन विभाग से लेना होता है एनओसी
बताया जा रहा है कि लोक निर्माण विभाग को इस पुल के निर्माण से पूर्व दोनों प्रदेशों के वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है। इस एनओसी के बाद ही इस पैंटून पुल का निर्माण शुरू होता है। अभी तक लोक निर्माण विभाग ने दोनों राज्यों के वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन नहीं किया है। बताया जा रहा है कि इस प्रमाण पत्र को प्राप्त करने के लिए कम से कम 10 से 15 दिन का समय चाहिए। इसके साथ ही पुल निर्माण में भी समय लगेगा। नवंबर से शादियों का समय शुरू हो जाता है, ऐसे में दोनों तरफ के स्थानीय लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि शादी के सीजन में वह इस नदी को किस तरह पार करेंगे। 

पीडब्ल्यूडी लापरवाही बरत रहा है
पैंटून पुल का निर्माण न होने से लोग मजबूरन स्टीमर एवं नाव के माध्यम से आवागमन करने को करने को मजबूर हैं। ऐसे में लोगों को हादसे का भय सताता है, लेकिन व्यापारियों एवं आम लोगों को मजबूरी में स्टीमर एवं नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। विदित हो कि यहां पर इन नावों में कई बार हादसे से हो चुके हैं और लोग कालकलवित हो चुके हैं। यह सब जानकारी होने के बावजूद पीडब्ल्यूडी लापरवाही बरत रहा है और अभी तक पुल का निर्माण नहीं किया है। 

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