Agra News : 50 सालों तक गुलामी की जिंदगी जीती रही फूलकली, अब पूरे किए आजादी के 12 साल...

UPT | फ्रूट फीस्ट का आनंद लेती फूलकली।

May 17, 2024 14:06

बेजुबानों के लिए वाइल्ड लाइफ एसओएस और वन्य जीव उत्तर प्रदेश वन विभाग उनके हितों की रक्षा के लिए प्रयास कर रहा है। आगरा मथुरा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित हाथी, भालू संरक्षण केंद्र पर भालुओं और हाथियों को बंधन...

Agra News : बेजुबानों के लिए वाइल्ड लाइफ एसओएस और वन्य जीव उत्तर प्रदेश वन विभाग उनके हितों की रक्षा के लिए प्रयास कर रहा है। आगरा मथुरा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित हाथी, भालू संरक्षण केंद्र पर भालुओं और हाथियों को बंधन से मुक्त कराने के लगातार प्रयास किया जा रहे हैं। वन्यजीवों को बंधन में रखना एक बड़ा अपराध है। बावजूद इसके लोग इन्हें बंधक बनाने के साथ इन वन्य जीवों को अपने भरण पोषण का माध्यम बना रहे हैं। वाइल्ड लाइफ एसओएस एवं वन विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ नियमित रूप से कार्रवाई कर रहा है। इसी कड़ी में सड़कों पर भीख मांगने वाली हथिनी फूलकली को साल 2012 में रेस्क्यू कर वाइल्ड लाइफ एसओएस ने बचाया था। 

पीड़ा से आहत थी फूलकली
सड़कों पर भीख मांगने वाली कष्टदायक जिंदगी से बचाई गई फूलकली एक मादा हथिनी है, जिसको साल 2012 में वाइल्ड लाइफ एसओएस ने बचाया था। वन्यजीव संरक्षण संस्था वाइल्ड लाइफ एसओएस इस बुजुर्ग हथिनी को मथुरा स्थित उनके हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में एक सुरक्षित आश्रय में लेकर आई। जहां आज उसने अपनी आजादी के 12 साल पूरे कर लिए हैं। 50 वर्षों से भी अधिक समय तक फूलकली को दुर्व्यवहार और पीड़ा सहनी पड़ी थी। उससे उत्तर प्रदेश की सड़कों पर भीख मंगवाई जाती थी। गर्म तारकोल वाली सड़कों पर लगातार घंटों तक चलने से हथिनी को पैरों में गंभीर समस्याएं हुईं, जिनमें पैर के नाखूनों में फोड़े, फटे हुए फुटपैड और संक्रमित घाव थे। जब वाइल्ड लाइफ एसओएस और उत्तर प्रदेश वन विभाग ने साल 2012 में उसे बचाया और हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में लाए, तब उसकी रीढ़ की हड्डी उभरी हुई थी और गंभीर कुपोषण और निर्जलीकरण के लक्षण दिखाई दे रहे थे।

फूलकली को मिला एम्मा और माया का साथ
आज फूलकली का जीवन पहले से बेहतर है। एनजीओ की पशु चिकित्सा टीम और हाथी देखभाल कर्मचारियों ने धीरे-धीरे उसे ठीक किया और उसे बेहतर महसूस कराया। औषधीय फुटबाथ, पैर के नाखून ट्रिमिंग सत्र, आरामदायक हाइड्रोथेरेपी सत्र और पौष्टिक आहार के साथ, उसके स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। उसकी मानसिक स्थिति में भी सुधार हुआ, क्योंकि 67 वर्षीय हथिनी को सहारे के रूप से निवासी मादा हथनियां एम्मा और माया के रूप में साथी मिले।

फूलकली के लिए फ्रूट फीस्ट 
पशु चिकित्सा सेवाएं, वाइल्ड लाइफ एसओएस के उप निदेशक डॉ. इलियाराजा ने बताया कि फूलकली के लिए एम्मा और माया के साथ ने उसकी उपचार और आज़ादी की इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। तीनों एक साथ दैनिक सैर पर जाती हैं और तीनों का एक दूसरे के प्रति प्यार को देखना हमारे लिए एक अद्भुत है। आज फूलकली पूरी तरह से बदल चुकी है। उसे वाइल्ड लाइफ एसओएस केंद्र के विशाल क्षेत्रों का पता लगाना और प्राकृतिक वनस्पति में चारा ढूंढना पसंद है। आज़ादी की 12वीं वर्षगांठ पर वाइल्ड लाइफ एसओएस की टीम ने फूलकली के लिए फ्रूट फीस्ट (फलों की दावत) का आयोजन किया। इस भव्य दावत में तरबूज़, कद्दू और केले शामिल थे, जिसका फूलकली ने अपनी साथियों के साथ भरपूर आनंद उठाया।

फूलकली को पानी बहुत पसंद है
फूलकली को पानी बहुत पसंद है, जो इस बात से पता चलता है कि वह अपने पूल में अधिकतर समय बिताना पसंद करती है। चाहे वह उसके बाड़े में पूल में हो या केंद्र में मौजूद हाइड्रोथेरेपी पूल, यह अनुभव उसके लिए कुछ ऐसा है, जो उसने इससे पहले कभी महसूस नहीं किया था। वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि जंगल में मादा हथनियां अक्सर बड़े झुंड में रहती हैं। भले ही फूलकली के पास यहां कोई झुंड नहीं है, लेकिन उसने अपने साथियों के साथ जो तिकड़ी बनाई है, वह उसे हर दिन आगे बढ़ने की भावनात्मक ताकत देती है।

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