किसान संगठन भी बिजली आंदोलन में शामिल : कहा- निजीकरण से छोटे और मझोले किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा

UPT | सांकेतिक फोटो।

Jan 19, 2025 14:01

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के निजीकरण को लेकर आंदोलन तेज हो गया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रदेश भर के बिजली कर्मचारी और संगठन विरोध कर रहे हैं। निजीकरण के कदम को रोकने के लिए कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।

Agra News : उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के निजीकरण को लेकर आंदोलन तेज होता हुआ दिखाई दे रहा है। सरकार बिजली का निजीकरण करना चाहती है, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन का निजीकरण किए जाने को लेकर प्रदेश भर के बिजली कर्मचारी और उनके संगठन सरकार के इस फैसले के खिलाफ लगातार आंदोलन करते दिखाई दे रहे हैं।

अब इस बिजली के निजीकरण को लेकर किसान नेता भी उतर आए हैं, किसान नेताओं का मानना है कि अगर बिजली का निजीकरण किया जाता है तो इसका असर छोटे और मझोले किसानों पर पड़ेगा। उत्तर प्रदेश किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष भारत सिंह ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि बिना ट्यूबवेल वाले किसानों के लिए आने वाले समय में महंगी बिजली का बिल चुकाना मुश्किल हो जाएगा, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ेगा।   संविधान की प्रस्तावना में बिजली, शिक्षा और चिकित्सा को समाज की जरूरत बताया गया था उत्तर प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष भारत सिंह ने बताया कि 1948 में संविधान की प्रस्तावना में बिजली, शिक्षा और चिकित्सा को समाज की जरूरत बताया गया था और इसे उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। हालांकि, अब सरकार इन सुविधाओं को निजी कंपनियों को सौंपने में लगी है। वहीं इस प्रदेश के संयुक्त मंत्री दिगंबर सिंह ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि केंद्र सरकार की कथित राष्ट्रीय कृषि नीति से खेती पर देशी-विदेशी पूंजीपतियों का कब्जा हो जाएगा। इससे ट्रक मालिक, मंडी व्यापारी, फड़-ठेला वाले और फल बेचने वाले करोड़ों लोग बेरोजगार हो सकते हैं।   मथुरा में भाकियू (चढूंनी) के कार्यकर्ताओं ने किसानों की विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग कर आंदोलन की चेतावनी दी  इसके अलावा, विभिन्न स्थानों पर किसानों और बिजली कर्मचारियों द्वारा बिजली के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन किए जा रहे हैं। मथुरा में भारतीय किसान यूनियन (चढूंनी) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने किसानों की विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। सहारनपुर में भी भारत मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय किसान मोर्चा और अन्य संगठनों ने धरना दिया और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो जेलभरो आंदोलन किया जाएगा।  बिजली के निजीकरण से छोटे किसानों की माली हालत बिगड़ने का खतरा है और इससे जुड़ी चिंताएं व्यापक रूप से व्यक्त की जा रही हैं।

ये भी पढ़े : इटली से आया प्रतिनिधिमंडल : महाकुंभ दर्शन के बाद सीएम योगी को सामने गाए भारतीय भजन, सुनाई रामायण और शिव तांडव

Also Read