Agra News : 80 फीट गहरे बोरवेल में गिरा मोर, वाइल्ड लाइफ एसओएस ने ऐसे बचाई जान...

UPT | आगरा में 80 फीट गहरे बोरवेल में गिरे मोर को सुरक्षित बचाया गया।

Jun 27, 2024 17:12

आगरा के शमशाबाद क्षेत्र स्थित बैकुंठी देवरिया गांव में 80 फीट गहरे बोरवेल में एक मोर गिर गया। वाइल्ड लाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने कड़ी मशक्कत के बाद उसकी जान बचाई। मौके पर ही चिकित्सीय...

Agra News : आगरा के शमशाबाद क्षेत्र स्थित बैकुंठी देवरिया गांव में 80 फीट गहरे बोरवेल में एक मोर गिर गया। वाइल्ड लाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने कड़ी मशक्कत के बाद उसकी जान बचाई। मौके पर ही चिकित्सीय परीक्षण एवं उपचार के बाद मोर को जंगल में छोड़ दिया गया।

ग्रामीणों की सक्रियता से बची मोर की जान
खुले कुओं और बोरवेल का खतरा भारत में वन्य जीवों के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। ऐसी ही एक घटना आगरा के शमशाबाद क्षेत्र स्थित बैकुंठी देवरिया गांव में हुई। यहां खेत में काम कर रहे किसानों ने एक मोर को लगभग 80 फीट गहरे बोरवेल में गिरा पाया। पक्षी की सुरक्षा को लेकर चिंतित उन्होंने सहायता के लिए 24x7 आपातकालीन हेल्पलाइन (+91-9917109666) पर वाइल्ड लाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट से संपर्क साधा।

सुरक्षित आवास में छोड़ दिया मोर
वन्यजीव संरक्षण संस्था से दो सदस्यीय बचाव दल को आवश्यक बचाव उपकरण और चोट के इलाज के लिए चिकित्सकीय सहायता के साथ तुरंत भेजा गया। करीब एक घंटे तक चले बचाव अभियान के बाद टीम ने मोर को सुरक्षित निकाल लिया। पक्षी को मौके पर ही चिकित्सकीय परीक्षण और इलाज के बाद एक सुरक्षित आवास में छोड़ दिया गया।

संकटग्रस्त पशु पक्षियों के लिए काम करती है संस्था
वाइल्ड लाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि ऐसे खुले कुएं और बोरवेल को ढंकने की तत्काल आवश्यकता है। विशेष रूप से वो, जो मानव बस्तियों के निकट हैं। भारतीय मोर, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के तहत संरक्षित हैं। वाइल्ड लाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट इस मोर जैसे संकटग्रस्त पशु पक्षियों की सहायता के लिए चौबीसों घंटे काम करती है।

संस्था के डायरेक्टर ने ग्रामीणों को कहा थैंक यू
वाइल्ड लाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजुराज एमवी ने बताया कि इतने गहरे बोरवेल कभी-कभी जंगली जानवरों के लिए जानलेवा बन जाते हैं। हमारी रेस्क्यू टीम को अत्यधिक सावधानी बरतते हुए मोर को सुरक्षित बाहर निकालना था। हम स्थानीय ग्रामीणों को भी धन्यवाद देना चाहते हैं, जिन्होंने तुरंत कार्रवाई की और हमारी हेल्पलाइन पर सूचना दी। हर महीने, वाइल्ड लाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट पक्षियों और अन्य जंगली जानवरों के कई बचाव कार्य करती है। यदि आप कभी किसी जंगली जानवर को संकट में देखते हैं, तो हेल्पलाइन नंबर पर वाइल्ड लाइफ एसओएस टीम को उसकी जानकारी दे सकते हैं।

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