कभी दरोगा की करते थे नौकरी अब पीछे लाखों की भीड़ : जानिए कौन हैं भोले बाबा, जिनके सत्संग में देखते ही देखते लग गया लाशों का अंबार

UPT | जानिए कौन हैं भोले बाबा

Jul 02, 2024 17:48

हाथरस के फुलवरई में स्वयंभू संत भोले बाबा के सत्संग के दौरान बड़ी संख्या में भोले बाबा के अनुयायी मौजूद थे, जहां अचानक भगदड़ मच गई। इसके बाद इस हादसे में मृतकों...

Hathras News : हाथरस के फुलवरई में स्वयंभू संत भोले बाबा के सत्संग के दौरान बड़ी संख्या में भोले बाबा के अनुयायी मौजूद थे, जहां अचानक भगदड़ मच गई। इसके बाद इस हादसे में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बता दें कि भोले बाबा एक स्वयंभू संत हैं जो विभिन्न गांवों में सत्संग आयोजित करते हैं और अपने अनुयायियों के बीच धार्मिक उपदेश देते हैं। इन सत्संगों में उनके अनुयायी उनके शिक्षाओं का पालन करने के लिए आते हैं। इस हादसे के बाद सबसे बड़ी बात यह सामने आ रही है कि आखिर ये कौन है।
 
जानिए यूपी पुलिस का सब इंस्पेक्टर कैसे बना स्वयंभू संत भोले बाबा
स्वयंभू संत भोले बाबा ने खुद कि वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में स्थित पटियाली गांव के निवासी हैं। उन्होंने अपने जीवन के कई वर्षों तक उत्तर प्रदेश पुलिस में सेवा की और फिर 18 साल की सेवा के बाद वीआरएस ले लिया। भोले बाबा ने अपने गांव में एक झोपड़ी में रहकर अनेक लोगों को भगवान की भक्ति का पाठ पढ़ाया है। उन्होंने यहां रहते हुए उत्तर प्रदेश के साथ-साथ आसपास के राज्यों में भी यात्राएँ की हैं और लोगों को धार्मिक ग्रंथों के ज्ञान को सिखाया है।

पिता के साथ मिलकर की खेती बाड़ी
भोले बाबा ने अपने बचपन में अपने पिता के साथ मिलकर खेती बाड़ी का काम किया था। संत भोले बाबा के अमुसार उनके जीवन में कोई गुरू नहीं है। वीआरएस लेने के बाद उन्हें अचानक भगवान से साक्षात्कार हुआ और उसी समय से उनका झुकाव अध्यात्म की ओर हो गया। भगवान की प्रेरणा से उन्होंने जान लिया कि यह शरीर उसी परमात्मा का अंश है।

झोपड़ी में रहने समय मिले भगवान 
स्वयंभू संत भोले बाबा ने दावा किया कि इसी दौरान उनको भगवान ने दर्शन दिए। उनसे कहा कि जाओं और लोगों को भगवान की भक्ति का पाठ पढ़ाओ। जिसके बाद से भोले बाबा लोगों को भक्ति का पाठ पढ़ाने लगे। कुछ दिनों बाद ही उन्होंने सत्संग शुरू कर दिया। जिसके बाद से उन्हें अच्छा- खासा चंदा मिलने लगा और उनकी पूरी लाइफ स्टाइल बदल गई। इसी तरह  भोले बाबा के सैकड़ों अनुयायी हो गए। 

Also Read