Ayodhya News : नृपेंद्र मिश्र बोले-श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में सफेद संगमरमर से बनेगा राम दरबार 

UPT | मंदिर भवन निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र।

Aug 24, 2024 22:03

भगवान रामलला के मंदिर में प्रथम तल पर राम दरबार को स्थापित किया जाएगा। जिसमें भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ मां जानकी और हनुमान जी भी स्थापित किए जाएंगे।

Short Highlights
  • टाइटेनियम की बनी मूर्तियों में दिखेगा पूरा राज परिवार 
  • मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य लगभग 90 फीसदी पूरा 
Ayodhya News : भगवान रामलला का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है। मंदिर निर्माण के बाद द्वितीय तल का निर्माण भी तेजी के साथ चल रहा है। अपने दिव्य व नव्य मंदिर में बालस्वरूप में रामलला विराजमान हो चुके हैं। रामलला के प्रथम तल और द्वितीय तल में भी मंदिर की स्थापना होगी। प्रथम तल का निर्माण कार्य लगभग 90 फीसदी पूरा हो चुका है। मंदिर के प्रथम तल में बनने वाले गर्भगृह में मूर्तियों के निर्माण को लेकर चयन की प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी है।

भगवान रामलला के मंदिर में प्रथम तल पर राम दरबार को स्थापित किया जाएगा। जिसमें भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ मां जानकी और हनुमान जी भी स्थापित किए जाएंगे। स्थाई प्रतिमा के तौर पर सफेद संगमरमर की प्रतिमाएं प्रथम तल में राम दरबार में बनाई जाएंगी, लेकिन उत्सव प्रतिमा यानी वह प्रतिमा जो विशेष अवसरों पर मंदिर परिसर के बाहर निकलती है. उसमें प्रमुख रूप से टाइटेनियम धातु से निर्मित राम दरबार की प्रतिमाएं शामिल की जाएंगी। जिन्हें आसानी से विशेष अवसरों पर मंदिर परिसर से बाहर निकाला जा सकेगा।

श्रीराम जन्मभूमि के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भारत सरकार का एक उपक्रम है, जो मिश्रित धातु का निर्माण करता है। उस धातु को टाइटेनियम के नाम से जाना जाता है। यह धातु सुरक्षा उपकरण में काम आता है। यह धातु कभी खराब नहीं होती है। इस धातु से प्रभु राम का दरबार बन रहा है। जिसमें प्रभु राम, माता जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्तियों का निर्माण टाइटेनियम से किया गया है। वहीं, टाइटेनियम से मूर्ति का निर्माण करने वाले युवक ने राम मंदिर ट्रस्ट को राम दरबार समर्पित किया है। लेकिन अब ट्रस्ट की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि राम दरबार में लगने वाली प्रतिमा का निर्माण सफेद संगमरमर से किया जाएगा।

राम दरबार में दो तरह की प्रतिमा होंगी विराजमान 
राम दरबार में दो तरह की प्रतिमा को विराजमान कराया जाएगा। जिसमें एक चल प्रतिमा होगी, तो दूसरी अचल प्रतिमा होगी। दोनों ही प्रतिमाएं संगमरमर की स्थाई तौर पर राम मंदिर के प्रथम चरण में राम दरबार में स्थापित होंगी। लेकिन चल प्रतिमा यानी उत्सव मूर्ति के तौर पर टाइटेनियम से बने राम दरबार को भी प्रभु राम के मंदिर के प्रथम तल पर ही स्थापित किया जाएगा।

अक्तूबर तक बनकर तैयार हो जाएंगी राम मंदिर की सभी मूर्तियां 
मंदिर भवन निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि कुबेर टीले का काम पूरा हो चुका है। राम मंदिर की सभी मूर्तियां अक्तूबर तक बनकर तैयार हो जाएंगी। अक्तूबर में सभी 25 मूर्तियां बनने के बाद अयोध्या पहुंच जाएंगी। अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि कुबेर टीला बनकर तैयार है। उसे एक माह के अंदर राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा। शिव मंदिर में थोड़ा काम बाकी है। जल्द ही ट्रस्ट को हैंडओवर कर दिया जाएगा। निर्माण समिति के अध्यक्ष ने कहा कि 2025 में मंदिर निर्माण पूरा करना चाहेंगे लेकिन मौसम की बेरुखी और त्योहारों के कारण इस काम में एक-दो माह की देरी हो सकती है। निर्माण की यह तिथि कोई कानूनी तिथि नहीं हैं। हमने एलएंडटी से मिलकर अनुशासन की दृष्टि से यह समय सीमा खुद तय की है। मजूदरों के लिए राजस्थान के ठेकेदारों से बात हो रही है।

तीन दिवसीय भवन निर्माण समिति की बैठक के दौरान नृपेंद्र मिश्र ने मंदिर निर्माण में श्रमिकों की कमी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अधिकतर पत्थरों से संबंधित काम करने वाले लेबर राजस्थान में मिलते हैं। इसलिए वहां के लेबर कांट्रैक्टरों से संपर्क किया जा रहा है। राजस्थान से अयोध्या की दूरी अधिक होने के कारण समस्या हो रही है परंतु हम भी प्रयास करेंगे कि वहां से आए श्रमिकों को भी घर जैसा माहौल यहां  मिले। 

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