राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में जमीन की कीमत बढ़ने के साथ ही कब्जेदारी के मामले भी बढ़े हैं। कुछ मामले ऐसे भी प्रकाश में आते हैं, जिसमें जमीन तालाब, नजूल, बंजर आदि के नाम हैं, लेकिन बिक्री व रजिस्ट्री हो रही...
Dec 23, 2024 13:24
राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में जमीन की कीमत बढ़ने के साथ ही कब्जेदारी के मामले भी बढ़े हैं। कुछ मामले ऐसे भी प्रकाश में आते हैं, जिसमें जमीन तालाब, नजूल, बंजर आदि के नाम हैं, लेकिन बिक्री व रजिस्ट्री हो रही...
Ayodhya News : राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में जमीन की कीमत बढ़ने के साथ ही कब्जेदारी के मामले भी बढ़े हैं। कुछ मामले ऐसे भी प्रकाश में आते हैं, जिसमें जमीन तालाब, नजूल, बंजर आदि के नाम हैं, लेकिन बिक्री व रजिस्ट्री हो रही है। ऐसा ही एक मामला सप्तसागर कॉलोनी का है। वहां मनीष गुप्ता, संतोष कुमार गुप्ता ने जिला प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगाए हैं।
नक्शा पास कराने में लगे तीन लाख रुपये
सप्तसागर कॉलोनी निवास मनीषा गुप्ता, संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि यह जमीन अयोध्या प्रसाद नामक व्यक्ति से खरीदी है। 2018 में रजिस्ट्री हुई। अयोध्या प्रसाद कूटरचित या फर्जी कागजात से जमीन का बैनामा किया तो राजस्व विभाग के जिम्मेदार कुछ नहीं देखे। जिसके बाद जमीन का नक्शा पास कराया था। नक्शा पास करने में अयोध्या विकास प्राधिकरण में लगभग 3 लाख रुपये भी दिए। नियम कानून के दायरे में हमने अपनी जमीन पर नक्शा पास कराया था। बाकायदा दाखिल खारिज बैनामा कराने के बाद नक्शा पास होने पर घर का निर्माण कराया।
मौजूद रहे उप जिलाधिकारी
जमीन की मालकिन मनीषा गुप्ता का कहना था कि घर पर बुलडोजर पहुंचा तो लोगों की सूचना पर वह भी पहुंची। वहां निर्माण कार्य को ध्वस्त किया जा रहा था। बार-बार कारण पूछने पर तालाब की जमीन पर निर्माण होने की बात बताई गई। कहा कि उस समय जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम विकास दुबे मौजूद थे। मेरे घर को बिना किसी अग्रिम नोटिस के गिरवा दिए हैं। मौके पर मौजूद एसडीम से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने ऑन रिकॉर्ड कुछ बोलने से मना कर दिया। परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि जब इस पर घर नहीं बन सकता था तो नक्शा क्यों पास हुआ। क्यों हुआ बैनामा। क्यों हुआ दाखिल खारिज। आज जब घर बनकर तैयार हो गया तो बुलडोजर लेकर गिराने आ गए। उन्होंने बताया इस मकान को अयोध्या प्रसाद से बैनामा कराया था। बड़ा सवाल उठता है जिला प्रशासन के कार्य शैली पर।