सांड का आतंक : चार घंटे की मशक्कत के बाद पकड़ा गया, फसलों को रौंदता और रास्ते से गुजरने वालों को मारने दौड़ता था

UPT | सांड को पकड़ते समय जुटी भीड़।

Jan 18, 2025 13:52

आजमगढ़ के जहानागंज नगर पंचायत के रामपुर गांव में एक गुस्सैल सांड ने तबाही मचा रखी थी। राहगीरों को डराने और किसानों की फसलें रौंदने की उसकी हरकतों से लोग परेशान थे। सांड को काबू करना आसान नहीं रहा।

Azamgarh News : आजमगढ़ के जहानागंज नगर पंचायत के रामपुर गांव में एक गुस्सैल सांड के आतंक ने ग्रामीणों की नाक में दम कर रखा था। सांड की हरकतों से गांव के लोग डर के साए में जीने को मजबूर हो गए थे। उसकी आदत बन चुकी थी कि किसानों की फसलें रौंदे, राह चलते लोगों को मारने के लिए दौड़ाए और गांव की गलियों में तबाही मचाए।



सांड का आतंक और ग्रामीणों की परेशानियां
पिछले कुछ दिनों से सांड पूरी तरह से बेकाबू हो गया था। उसने न केवल राहगीरों को डराया, बल्कि घरों और दुकानों के सामान को भी नुकसान पहुंचाया। किसानों की मेहनत की कमाई पर पानी फेरते हुए उसने कई खेतों में खड़ी फसलों को रौंद दिया। रामपुर गांव के निवासी उदयभान सिंह, जितेंद्र सिंह और डब्बू सिंह ने पहले तो सांड को काबू में करने की कोशिश की, लेकिन यह काम इतना आसान नहीं था।

सांड को पकड़ने का सामूहिक प्रयास
गांव के लोग सांड से परेशान होकर सामूहिक रूप से इसे पकड़ने का निर्णय लिया। ग्रामीणों ने सांड को काबू में करने के लिए दिनभर संघर्ष किया। इस बीच सांड भागते-भागते रामपुर दरिया के प्राथमिक विद्यालय के कैंपस में जा घुसा। सौभाग्य से उस समय स्कूल में बच्चों की छुट्टी थी और केवल शिक्षक मौजूद थे, वरना स्थिति और गंभीर हो सकती थी।

जेसीबी का सहारा और घंटों की मशक्कत
ग्रामीणों ने सांड को काबू करने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन जब वह किसी भी तरह बाहर नहीं निकला, तो नगर पंचायत की मदद ली गई। जेसीबी मशीन की सहायता से सांड को गाड़ी में लादकर काबू पाया गया। इस पूरी प्रक्रिया में करीब चार-पांच घंटे लग गए। सांड को पकड़ने के दौरान वहां मेले जैसा माहौल बन गया, और सैकड़ों लोग इस घटनाक्रम को देखने के लिए जुटे रहे।

सांड को भेजा गया गौशाला
गुस्सैल सांड को काबू में करने के बाद उसे गौशाला भेज दिया गया। इस घटना में ग्रामीणों और नगर पंचायत के कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर सहयोग दिया।

आवारा पशुओं पर नियंत्रण की जरूरत
यह घटना आवारा पशुओं से होने वाली परेशानियों और उनके नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता को उजागर करती है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को इस दिशा में जल्द और प्रभावी कदम उठाने चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

योगी सरकार के लिए बड़ी चुनौती
घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आवारा पशुओं पर नियंत्रण के लिए योगी सरकार की नीतियां कितनी प्रभावी हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि आवारा पशुओं को काबू में रखने के लिए ठोस योजना बनाई जाए, ताकि किसानों और आम लोगों को राहत मिल सके।

ग्रामीणों का संदेश
रामपुर गांव के लोगों ने सांड को पकड़ने में अपनी सूझबूझ और एकजुटता का परिचय दिया, लेकिन इस घटना ने आवारा पशुओं की समस्या को गंभीरता से लेने की जरूरत को भी रेखांकित किया। 

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