बलिया में डीएम सख्त : फसल अपशिष्टों को जलाते हुए पकड़े गए तो वसूली के साथ होगी कार्रवाई

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Apr 28, 2024 01:56

जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने जनपद के किसानों से अपील करते हुए कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा और बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए पराली...

Ballia News (Akhilanand Tiwari) : जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने जनपद के किसानों से अपील करते हुए कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा और बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए पराली (फसल अपशिष्टों ) को जलाना एक दंडनीय अपराध है। उन्होने ऐसा करने वालों के खिलाफ राजस्व विभाग द्वारा पर्यावरण को हो रहे क्षतिपूर्ति की वसूली के निर्देश दिए गए हैं। 

पर्यावरण कम्पंसेशन की होगी वसूली, डीएम ने दिया निर्देश
दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रुपये, दो से पांच एकड़ क्षेत्र के लिए 5000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15000 रुपये तक पर्यावरण कम्पंसेशन की वसूली के निर्देश दिए गए हैं। पराली जलाने की घटना पाए जाने पर संबन्धित को दण्डित करने के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा-24 के अंतर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली एवं धारा-26 के अंतर्गत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरूद्ध अर्थदंड आदि की कार्रवाई के प्रावधान किया गया है। 

पराली जलाने की पुनरावृत्ति हुई तो सरकारी सुविधाओं व सब्सिडी से होंगे वंचित
बताते चलें कि अगर पराली जलाने वाले किसानों को मना करने के बाद भी दोबारा जलाए जाने अथवा घटना की पुनरावृत्ति करने की दशा में संबन्धित कृषकों को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं तथा सब्सिडी आदि से वंचित किए जाने की कार्रवाई के निर्देश राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली द्वारा दिए गए हैं। साथ ही रबी फसलों गेहू, मक्का, सरसों, जौ इत्यादि फसलों के पराली (फसल अपशिष्ट) न जलाएं। बल्की इसका वैकल्पिक उपयोग बायो एनर्जी, कम्पोस्ट खाद आदि बनाने में करें।

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