ग्रामीणों की भूख हड़ताल : बोले- पक्की सड़क के लिए नहीं सुनेंगे कच्चे वादा करने वालों की बात, इस अधिकारी की सुनने को हैं तैयार

UPT | भूख हड़ताल के दौरान बिगड़ी ग्रामीणों की तबियत।

Oct 05, 2024 17:12

जिले के ढोरनपुर गांव में ग्रामीणों की भूख हड़ताल चौथे दिन भी जारी है। ये ग्रामीण पक्की सड़क की मांग को लेकर बुधवार से अनशन पर बैठे हैं। शनिवार को तहसीलदार विजय कुमार शुक्ला ने गांव का दौरा...

Badanyu News : जिले के ढोरनपुर गांव में ग्रामीणों की भूख हड़ताल चौथे दिन भी जारी है। ये ग्रामीण पक्की सड़क की मांग को लेकर बुधवार से अनशन पर बैठे हैं। शनिवार को तहसीलदार विजय कुमार शुक्ला ने गांव का दौरा किया और आश्वासन दिया कि सड़क निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा, लेकिन ग्रामीणों ने उनकी बात मानने से इंकार कर दिया और कहा कि पक्की सड़क के लिए पक्का वादा करने वाले अधिकारी की बात सुनेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि वे जब तक नहीं मानेंगे जब तक जिलाधिकारी खुद उनकी समस्या का समाधान नहीं करते।

भूख हड़ताल से बिगड़ी लाेगों की तबियत
हड़ताल के चौथे दिन, चार ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद तहसीलदार ने डॉक्टरों की टीम को मौके पर भेजा। आसफपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की डॉक्टर ने बताया कि ग्रामीणों का ब्लड प्रेशर सामान्य है, लेकिन यदि भूख हड़ताल जारी रही तो स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है।



एक दशक से कर रहे पक्की सड़क की मांग
गांव के फिरोज आलम ने कहा कि आसफपुर-चंदौसी मार्ग पर लगभग तीन किलोमीटर लंबी सड़क आज भी विकास से छूटी हुई है। हर रोज कच्चे और टूटे रास्ते से गुजरना लोगों के लिए परेशानी बन रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले एक दशक से इस सड़क के निर्माण के लिए वे संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने केवल झूठे वादे किए हैं।

शिक्षा हो रही प्रभावित
ग्रामीणों का कहना है कि गांव तक कोई पक्का रास्ता न होने के कारण बच्चों की उच्च शिक्षा प्रभावित हो रही है। बरसात के दौरान गांव एक टापू में तब्दील हो जाता है। इस स्थिति ने ग्रामीणों का सब्र तोड़ दिया और वे सड़क बनाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गए। तहसीलदार ने कहा कि जिलाधिकारी ने उन्हें ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करने के लिए भेजा है और सड़क के प्रस्ताव को शासन में भेजा जा चुका है। 

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