Badaun News : पति ने फाड़ा बेटा या बेटी जानने के लिए बीवी का पेट, आठ माह के गर्भस्थ शिशु की मौत

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

May 24, 2024 12:27

बरेली से एक चौकादेने वाला मामला सामने आया है। जहां एक पति ने बेटा या बेटी जानने के लिए आठ महीने की गर्भवती पत्नी का पेट फाड़ दिया...

Badaun News : बदायूं से एक चौकादेने वाला मामला सामने आया है। जहां एक पति ने बेटा या बेटी जानने के लिए आठ महीने की गर्भवती पत्नी का पेट फाड़ दिया। जिसके बाद दोषी पति को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बता दें, इस घटना में आठ माह के गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई थी, जबकि महिला की जान बमुश्किल बचाई जा सकी थी।

क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला बरेली शहर के मोहल्ला नेकपुर के रहने वाले पन्नालाल का है। जिसने  शादी के 22 साल बाद 19 सितंबर 2020 को यह वारदात अंजाम दी थी। दरअसल, पत्नी अनीता पांच बेटियों के जन्म के बाद एक बार फिर गर्भवती हुई। जिसके बाद उसके पति ने यह जानने के लिए उसका पेट फाड़ा की इस बार भी बेटी होगी या फिर बेटा। पन्नालाल ने कई बार बेटे की चाहत जाहिर की और उलाहना देते हुए कई बार अनीता को पीटा भी। जिसको लेकर शहर से सटे घोंचा गांव के रहने वाले अनीता के भाई गोलू  ने एफआईआर दर्ज करवाई।  जिसके मुताबिक, पन्नालाल को कई बार समझाया गया, मगर वह नहीं माना। हालांकि, जब अनीता छठी बार गर्भवती हुई तो उसने पहले ही धमकी दी कि अगर इस बार बेटी पैदा हुई तो वह दूसरी शादी कर लेगा।

पेट फाड़कर देखना चहाता था की गर्भ में बेटा है या बेटी
इस बात को लेकर साल 2020 में 19 सितंबर की शाम चार बजे अनीता से पन्नालाल ने कहा कि वह उसका पेट फाड़कर देखना चहाता है की गर्भ में बेटा है या बेटी। जिसके बाद वह उसका पेट हंसिये से चीर दिया। उसने उसे रोकने की कोशिश की, मगर वह नहीं माना। सूचना पर पहुंचे मायके वालों ने गंभीर हालत में अनीता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जिसके बाद अनीता को वहां से बरेली के लिए रेफर कर दिया गया। हालांकि, अनीता की तो जान बच गई, लेकिन गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई।

बृहस्पतिवार को सुनाई पन्नालाल को सजा
पन्नालाल को जेल भेजे जाने के बाद आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया गया। महिला अपराध के विशेष न्यायाधीश (त्वरित) न्यायाधीश सौरभ सक्सेना ने बृहस्पतिवार को पन्नालाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कुछ समय पहले जमानत पर छूटा पन्नालाल बृहस्पतिवार को सजा सुनाए जाने के वक्त अदालत में ही था। वहां से उसे जेल भेज दिया गया।

 इन धाराओं में हुई सजा
आईपीसी की धारा 307 (जानलेवा हमला)- आजीवन कारावास और 40 हजार रुपये जुर्माना
आईपीसी की धारा 313 (इच्छा के विरुद्ध गर्भपात करना)- दस साल कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माना

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