बस्ती में डॉक्टरों के बीच बवाल : महिला चिकित्सक बोली- काम करवा लिया...अब नहीं दे रहे बकाया रुपये

UPT | प्रतिकात्मक तस्वीर

Nov 19, 2024 18:14

डॉक्टर महक, जो एक एनएबीएच कार्य से जुड़ी कंपनी की प्रतिनिधि हैं, ने आरोप लगाया कि डॉक्टर गुप्ता और उनकी पत्नी निधि ने उनका काम तो करवा लिया, लेकिन बकाया पैसे नहीं दिए...

Short Highlights
  • डॉक्टरों के बीच पैसों को लेकर बखेड़ा
  • एक लाख के बकाए पैसों पर उलझन
  • कोतवाली में हुई जमकर बहस
Basti News : बस्ती के कोतवाली क्षेत्र में मंगलवार दोपहर को रुपये के लेन-देन को लेकर एक विवाद ने काफी तूल पकड़ लिया। इसके चलते दोनों पक्षों के लोग कोतवाली में पहुंचे। यह विवाद पटेल चौक के पास स्थित एक निजी अस्पताल के संचालक, डॉक्टर डीके गुप्ता से जुड़ा हुआ था। डॉक्टर महक, जो एक एनएबीएच कार्य से जुड़ी कंपनी की प्रतिनिधि हैं, ने आरोप लगाया कि डॉक्टर गुप्ता और उनकी पत्नी निधि ने उनका काम तो करवा लिया, लेकिन बकाया पैसे नहीं दिए।

डॉक्टर के काम का नहीं किया गया भुगतान
दरअसल, डॉक्टर महक के अनुसार, उनके द्वारा किए गए काम का भुगतान अभी तक नहीं किया गया, जबकि सर्टिफिकेट आए हुए 15 दिन हो चुके हैं। महक का दावा है कि उनके पास अस्पताल में किए गए कार्य के प्रूफ के तौर पर वीडियो और लिखित प्रमाण मौजूद हैं। उनका कहना था कि डॉक्टर गुप्ता अब यह कह रहे हैं कि बाकी के पैसे उन्हें मिल चुके हैं, हालांकि महक के अनुसार, केवल 1 लाख 10 हजार रुपये बाकी हैं जो अभी तक नहीं दिए गए।



डॉक्टर गुप्ता ने लगाया आरोप
वहीं, डॉक्टर डीके गुप्ता ने अपनी पत्नी निधि के साथ मिलकर आरोप लगाया कि एक व्यक्ति, जिसका नाम एहसान बताया गया है, उन्हें और उनके परिवार को लगातार धमकी दे रहा है। डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि 16 नवंबर को एहसान ने उनकी गाड़ी रोककर उन्हें थप्पड़ मारा और गालियां दीं। इसके बाद, 17 नवंबर को भी उन्होंने फोन के जरिए धमकी दी और 18 नवंबर को फिर से आकर बवाल किया।

पुलिस कर रही मामले की जांच
इस मामले में आरोपी एहसान ने पूरी तरह से इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि डॉक्टर डीके गुप्ता उनके खिलाफ झूठे आरोप लगा रहे हैं। एहसान का कहना है कि डॉक्टर गुप्ता एक संस्था का बकाया पैसा देने से बच रहे हैं और इसी कारण उन्होंने उन पर दबाव बनाने के लिए झूठी बात फैलाई। कोतवाली प्रभारी एसओ अविश्व मोहन राय ने बताया कि दोनों पक्षों से तहरीर प्राप्त हो चुकी है और मामले की जांच की जा रही है, जिसके बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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