रूधौली में खाद की किल्लत : प्राइवेट दुकानों पर महंगे दामों पर खरीदने को मजबूर किसान

UPT | रूधौली क्षेत्र में खाद की भारी किल्लत

Nov 19, 2024 21:49

रूधौली क्षेत्र में साधन सहकारी समितियों पर डीएपी खाद की भारी मांग के बावजूद आपूर्ति पूरी नहीं हो रही है, जिससे किसानों को प्राइवेट दुकानों का रुख करना पड़ रहा है। यहां खाद की कीमतें 1,500 रुपये प्रति बोरी तक पहुंच चुकी हैं, जो किसानों के लिए भारी पड़ रही है।

Short Highlights
  • खाद की कीमतें 1,500 रुपये प्रति बोरी तक पहुंची
  • किसानों को खाद की सख्त जरूरत
  • किसानों की मांग, उचित मूल्य पर उपलब्ध कराएं खाद
Basti News : रूधौली क्षेत्र में साधन सहकारी समितियों पर डीएपी खाद की भारी मांग के बावजूद आपूर्ति पूरी नहीं हो रही है, जिससे किसानों को प्राइवेट दुकानों का रुख करना पड़ रहा है। यहां खाद की कीमतें 1,500 रुपये प्रति बोरी तक पहुंच चुकी हैं, जो किसानों के लिए भारी पड़ रही है। धान की कटाई के बाद गेहूं की बुवाई की तैयारी में किसानों को खाद की सख्त जरूरत है, लेकिन समितियों पर खाद की भारी कमी है। मंगलवार को डीएपी खाद की खेप पहुंचने की सूचना पर किसानों की भारी भीड़ एकत्र हो गई और यहां खाद पाने के लिए मारामारी की स्थिति बन गई।

खाद वितरण की गति धीमी
साधन सहकारी समितियों में खाद का वितरण धीमी गति से हो रहा है, जिससे किसानों को सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठाने का मौका मिल रहा है। सुरुवार कला समिति में एनपीके खाद का वितरण किया गया, और डीएपी खाद की आपूर्ति मंगलवार तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है। वहीं, बसडिला समिति में खाद का वितरण सुचारु रूप से किया गया। इसके बावजूद, क्षेत्र के कई गांवों में खाद की भारी किल्लत बनी हुई है, और किसान महंगे दामों पर प्राइवेट दुकानों से खाद खरीदने को मजबूर हैं।


सरकारी सहकारी समितियों का रुख
रूधौली क्षेत्र के हनुमानगंज, भितेहरा, आनंदनगर, नसीबगंज, महुआर, दसिया, पड़री, गंधारिया गजराज, पटवारिया, और चमनगंज जैसे गांवों में प्राइवेट दुकानों पर डीएपी खाद साढ़े चौदह सौ रुपये प्रति बोरी की दर पर बेची जा रही है। महंगे दामों के कारण किसान सरकारी सहकारी समितियों का रुख कर रहे हैं, लेकिन वहां भी आपूर्ति की कमी बनी हुई है।

किसानों की मांग, उचित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराएं
किसानों का कहना है कि गेहूं की बुवाई से पहले डीएपी खाद की कमी उनकी समस्याओं को और बढ़ा रही है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि खाद की आपूर्ति बढ़ाई जाए और प्राइवेट दुकानों पर अधिक कीमत वसूलने के खिलाफ कार्रवाई की जाए। किसानों का यह भी कहना है कि अगर समय रहते खाद की आपूर्ति नहीं की गई, तो उनकी फसल पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

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