बांदा में गौशालाओं का निरीक्षण : रजिस्टर में दर्ज संख्या से 15 गोवंश पाए गए कम, सीडीओ ने अधिकारियों को लगाई फटकार

UPT | गौशालाओं का निरीक्षण

Dec 11, 2024 23:27

बांदा में गौशालाओं की स्थिति का जायजा लेने के लिए अधिकारियों ने निरीक्षण अभियान तेज कर दिया है। मंगलवार को महुआ विकासखंड के रिसौरा गांव की अस्थाई गौशाला का निरीक्षण मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) वेद प्रकाश मौर्य और बीडीओ महुआ द्वारा किया गया।

Short Highlights
  • गौशालाओं की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे अधिकारी
  • निरीक्षण में मिली खामियां
  • सीडीओ ने कर्मचारियों को लगाई फटकार
Banda News : बांदा में गौशालाओं की स्थिति का जायजा लेने के लिए अधिकारियों ने निरीक्षण अभियान तेज कर दिया है। मंगलवार को महुआ विकासखंड के रिसौरा गांव की अस्थाई गौशाला का निरीक्षण मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) वेद प्रकाश मौर्य और बीडीओ महुआ द्वारा किया गया। निरीक्षण के दौरान गौशाला की दुर्दशा सामने आई, जिससे सीडीओ ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई और सुधार के लिए आवश्यक निर्देश दिए।

निरीक्षण में मिली खामियां
बांदा के रिसौरा गांव स्थित अस्थाई गौशाला के निरीक्षण में कई खामियां सामने आईं। रजिस्टर में दर्ज संख्या से 15 गौवंश कम पाए गए, वहीं पानी की चरही में कीड़े और गंदगी पाई गई, जिससे गौवंशों की स्वास्थ्य स्थिति दयनीय हो गई। भूसा चरही मानक डिजाइन के अनुसार नहीं बनाई गई थी और उसकी चौड़ाई इतनी अधिक थी कि गौवंश अंदर खड़े होकर भूसा खा रहे थे। चरही के पास अत्यधिक कीचड़ पाया गया, जबकि खड़ंजा निर्माण होना चाहिए था। इसके अलावा, गौवंशों के लिए पर्याप्त भूसा और पोषाहार की व्यवस्था भी नहीं थी। इस पर सीडीओ ने पंचायत सचिव, पशु चिकित्सा अधिकारी और केयरटेकर की लापरवाही को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि उनकी निष्क्रियता के कारण गोवंशों की यह स्थिति बनी है, जो कि अत्यंत निंदनीय है।


सफाई के लिए केयरटेकर के निर्देश
सीडीओ ने गौशाला की खामियों पर तुरंत कार्रवाई करते हुए केयरटेकर को चरही की सफाई करने का निर्देश दिया और सारा गंदा पानी बाहर निकालने का आदेश दिया। उन्होंने खड़ंजा निर्माण के लिए योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए। भूसा चरही को मानक डिजाइन के अनुसार बनाने और गौवंशों के लिए पोषाहार की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आदेश दिए गए। इसके अलावा, भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए नियमित निरीक्षण की योजना बनाने की बात भी कही गई।

सीडीओ ने उठाया कड़ा कदम
गौशालाओं की खराब स्थिति पर सीडीओ ने गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि गौवंशों की देखरेख में लापरवाही बिल्कुल स्वीकार नहीं कि जाएगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने का आश्वासन दिया। गौशाला प्रबंधन की इस लापरवाही ने गोवंशों की दुर्दशा को उजागर किया है। अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि भविष्य में ऐसी समस्याएं न दोहराई जाएं और इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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