Chitrakoot News : गैर इरादतन हत्या के मामले में दो सगे भाईयों को 10-10 साल का कारवास, अर्थदण्ड भी लगाया

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Jan 09, 2025 19:34

चित्रकूट में सत्र न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने गैर इरादतन हत्या के मामले में दो सगे भाईयों को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। मामले में दोष सिद्ध होने के बाद दोनों आरोपियों को अर्थदण्ड भी लगाया गया...

Chitrakoot News : चित्रकूट में सत्र न्यायाधीश विकास कुमार प्रथम ने गैर इरादतन हत्या के मामले में दो सगे भाईयों को 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। मामले में दोष सिद्ध होने के बाद दोनों आरोपियों को अर्थदण्ड भी लगाया गया। यह मामला मऊ थाने के बरियारी खुर्द गांव का है, जहां 23 अगस्त 2020 को सुरतिया पत्नी रामभवन ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने बताया कि उसके पति रामभवन जानवरों से खेत की फसल को बचाने के उद्देश्य से सवेरे लगभग साढ़े नौ बजे घर से गए थे। इस दौरान गांव के ही प्रदीप उर्फ मुन्ना बेलौहा अपने बेटे बउवा व नान के साथ उसके पति पर हमला कर दिया।

मुकदमे के दौरान एक आरोपी की हो गई थी मौत
हमले के बाद रामभवन गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें मऊ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान उनकी हालत और बिगड़ी, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल कर्वी के लिए रिफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार किया। वहीं मुकदमे के दौरान आरोपी प्रदीप उर्फ मुन्ना बेलौहा की मृत्यु हो गई थी।



सुनवाई के बाद बउवा और नान को दोषी ठहराया
इस मामले में सत्र न्यायाधीश विकास कुमार ने सुनवाई के बाद बउवा और नान को दोषी ठहराया। दोनों को 10-10 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई और साथ ही उन्हें अर्थदण्ड भी दिया गया। अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलें सुनीं। दोनों आरोपियों पर हत्या की कोशिश और मारपीट का आरोप था।

सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा
यह मामला चित्रकूट जिले के मऊ थाना क्षेत्र के बरियारी खुर्द गांव का था, जहां आरोपी प्रदीप उर्फ मुन्ना बेलौहा और उसके दो सहयोगियों ने रामभवन पर हमला किया था। मामले की पूरी जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई। सत्र न्यायाधीश ने सजा सुनाते हुए कहा कि इस प्रकार के अपराधों से समाज में भय और असुरक्षा की भावना पैदा होती है, इसलिए दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

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