Hamirpur News : पाताली बजरंगबली का अनोखा मंदिर, जहां हर दिन चावल के समान बढ़ता है मूर्ति का आकार

UPT | मंदिर में पूजा करते भक्त

Jan 09, 2025 19:34

मीरपुर जिले के चंदपुरवा के जंगलों में स्थित बजरंग बलि का एक मंदिर अपनी विशिष्टता के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर में रखी बजरंग बलि की मूर्ति न केवल हजारों साल पुरानी है, बल्कि यह धरती से अनंत गहराई से निकली हुई है...

Hamirpur News : हमीरपुर जिले के चंदपुरवा के जंगलों में स्थित बजरंग बलि का एक मंदिर अपनी विशिष्टता के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर में रखी बजरंग बलि की मूर्ति न केवल हजारों साल पुरानी है, बल्कि यह धरती से अनंत गहराई से निकली हुई है। इस मूर्ति की एक और अनोखी विशेषता है कि यह हर दिन चावल के दाने के समान बढ़ती रहती है। कार्तिक पूर्णिमा के बाद यहां विशाल मेला लगता है, जिसमें दूर-दराज से हजारों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं और अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए यहां आते हैं।

सिद्धपीठों में गिना जाता है यह मंदिर
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित इस अद्वितीय मंदिर की बजरंग बलि की मूर्ति धीरे-धीरे बढ़ने के कारण पूरे देश में प्रसिद्ध है। जब इस मूर्ति को पहली बार स्थापित किया गया था, तो इसका आकार करीब सवा फुट के आसपास था, लेकिन अब इसका आकार दो फीट से अधिक हो चुका है। इसे सिद्धपीठों में गिना जाता है और यहां आने वाले श्रद्धालु पूरी श्रद्धा से अपनी मनोकामनाओं को मांगते हैं। पाताली बजरंगवली की मूर्ति गहरे गड्ढे में स्थित है, जिसके दर्शन के लिए भक्त यहां आते हैं।



मूर्ति के स्थान पर हुआ करता था जंगल
इस अनोखी मूर्ति के बारे में कहा जाता है कि पहले यहां घना जंगल हुआ करता था, जिसमें जंगली जानवर खुलेआम घूमते थे। एक किसान ने जंगल को काटकर खेती शुरू की और जब उसने खेत में हल चलाया, तो उसे एक लाल रंग का पत्थर दिखाई दिया। किसान ने उसे निकालने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं निकाल पाया। शाम को किसान घर लौट गया और रात को उसे सपने में भगवान हनुमान ने दर्शन दिए। हनुमान जी ने कहा कि एक पैर पाताल में है और मुझे यहीं रहकर पूजा कीजिए। अगले दिन किसान ने देखा कि मूर्ति थोड़ी और ऊपर आ गई है, फिर उसने एक साधू से संपर्क किया और मूर्ति को यहीं स्थापित करवा दिया।

चमत्कारी रूप में स्थापित मूर्ति
मंदिर के महंत बलराम जी बताते हैं कि यह मूर्ति पहले छोटी थी, लेकिन समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसकी गहराई का कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता और अब यह मूर्ति एक चमत्कारी रूप में स्थापित है। इस मंदिर को एक सिद्ध स्थल माना जाता है, जहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां की पवित्रता और चमत्कारी मूर्ति की वजह से यह स्थान बहुत महत्वपूर्ण बन गया है।

महाभारत काल से जुड़ा मंदिर का इतिहास
स्थानीय बुजुर्ग देवीदीन का कहना है कि उनके पूर्वजों के अनुसार, यह मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि पांडवों ने अज्ञातवास से पहले यहां भगवान हनुमान की पूजा की थी। इस स्थान की अलौकिक मूर्ति उसी समय की है। जो भी भक्त यहां श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करता है, उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भक्तों का विश्वास है कि इस स्थान पर भगवान हनुमान की विशेष कृपा और अनुकम्पा हमेशा बनी रहती है।

हर मंगलवार को लगता है विशाल मेला
इटरा बजरंगवली धाम में हर मंगलवार को विशाल मेला लगता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु दूर-दराज से आते हैं। इस मंदिर में स्थित हनुमान जी की मूर्ति का एक पांव अभी भी पाताल में है। यह मूर्ति हर साल थोड़ी-थोड़ी बढ़ती रहती है और इस अद्भुत घटना को देखकर यहां की महिमा का अंदाजा लगाया जा सकता है। हमीरपुर जिले के चंद्रपुरवा गांव के जंगल में स्थित इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ हर मंगलवार को देखने को मिलती है, जो इस स्थान की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को सिद्ध करती है।

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