बाढ़ कार्यों में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप : तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित, 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत करनी होगी रिपोर्ट 

UPT | बाढ़ कार्यों में वित्तीय अनियमतिता को लेकर जांच के आदेश।

Dec 27, 2024 19:31

गोंडा जिले में बाढ़ कार्यों में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बाद देवीपाटन मण्डल के कमिश्नर शशि भूषण लाल सुशील ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। कमेटी को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

Gonda News : गोंडा जिले में बाढ़ सुरक्षा से जुड़े कार्यों में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं। इन आरोपों की जांच के लिए देवीपाटन मण्डल के कमिश्नर शशि भूषण लाल सुशील ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। कमेटी को 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। 



शिकायत से हुआ मामले का खुलासा
यह मामला 6 दिसंबर 2024 को ऐली परसौली निवासी ओम प्रकाश सिंह द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के माध्यम से उजागर हुआ। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 2017 से अब तक एल्गिन ब्रिज, चरसढ़ी तटबंध और सकरौर भिखारीपुर रिंग बांध पर किए गए बाढ़ सुरक्षा कार्यों में सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है।

आरोपों की गहन जांच के आदेश 
शिकायत में ठेकेदारों और अभियंताओं पर फर्जी अनुबंध बनाने और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। इसमें यह भी कहा गया कि एल्गिन ब्रिज और सकरौर रिंग बांध पर एक ही कार्य को अलग-अलग वित्तीय वर्षों में दिखाकर फर्जी भुगतान किया गया। साथ ही, भूमि अधिग्रहण में भी फर्जीवाड़े का दावा किया गया है।

जांच कमेटी का गठन
आरोपों की सत्यता का पता लगाने के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है। इसमें देवीपाटन मण्डल के मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग; अभियंत्रण अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग; और प्राविधिक परीक्षक को शामिल किया गया है। इन अधिकारियों को बाढ़ कार्यों में हुई वित्तीय अनियमितताओं की गहन जांच का जिम्मा सौंपा गया है।

बाढ़ खंड के अधिकारियों की प्रतिक्रिया
बाढ़ खंड के अधिकारियों ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि सभी कार्य निर्धारित मानकों के अनुसार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि जांच का आदेश दिया गया है, तो सत्यता सामने आ जाएगी और सभी आरोप निराधार साबित होंगे। गोंडा जिले में बाढ़ सुरक्षा कार्यों को लेकर लगाए गए आरोपों ने प्रशासन में हलचल मचा दी है। जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि आरोपों में कितनी सच्चाई है। फिलहाल, कमिश्नर द्वारा गठित जांच कमेटी पर सभी की नजरें टिकी हैं। 

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