गोंडा में शिवभक्तों ने मनाया कजरी तीज का त्योहार : लाखों श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक, सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात

UPT | सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात

Sep 06, 2024 12:14

गुरुवार देर रात से ही शिव भक्तों ने बम-बम भोले के जयकारों के साथ कजरी तीज का पावन पर्व शुरू कर दिया। हजारों की संख्या में श्रद्धालु करनैलगंज के सरयू घाट और अयोध्या की पवित्र सरयू नदी से जल लेकर गोंडा के प्रसिद्ध शिव मंदिरों की ओर चल पड़े।

Gonda News : श्रावण मास की तीज तिथि पर मनाए जाने वाले कजरी तीज का पर्व गोंडा जिले में अपार श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह त्योहार शिव और पार्वती के प्रेम का प्रतीक माना जाता है, जिसमें महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। गोंडा में यह पर्व विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यहां प्रदेश का सबसे बड़ा कांवड़ मेला भी इसी अवसर पर आयोजित होता है।

शिव भक्तों ने बम-बम भोले के जयकारे लगाए
गुरुवार की देर रात से ही शिव भक्तों ने "बम-बम भोले" के जयकारों के साथ इस पावन पर्व की शुरुआत की। हजारों श्रद्धालु करनैलगंज के सरयू घाट और अयोध्या की पवित्र सरयू नदी से जल लेकर पैदल ही गोंडा के प्रसिद्ध शिव मंदिरों की ओर चल पड़े। इन मंदिरों में बाबा दुख हरण नाथ, बाबा पृथ्वी नाथ, बाबा करोहानाथ और बाबा बालेश्वर नाथ के मंदिर प्रमुख हैं।

मंदिरों में जलाभिषेक करने पहुंचे शिवभक्त
रात 11 बजे से ही भक्तों की लंबी कतारें मंदिरों के बाहर देखी गईं। मध्यरात्रि के ठीक बाद, सभी शिव मंदिरों में जलाभिषेक की प्रक्रिया शुरू हो गई। प्रशासन के अनुमान के अनुसार, अब तक जिले के प्रमुख शिव मंदिरों में 10 लाख से अधिक शिवभक्त जलाभिषेक कर चुके हैं। यह संख्या लगातार बढ़ेगी क्योंकि देर शाम तक भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहेगा।

पड़ोसी देश नेपाल से भी आते हैं श्रद्धालु
गोंडा के इस कांवड़ मेले की विशेषता यह है कि यह केवल भारत के विभिन्न राज्यों से ही नहीं, बल्कि पड़ोसी देश नेपाल से भी लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। बाराबंकी, श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, सीतापुर, बस्ती और अयोध्या जैसे आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग यहां आकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

सुचारू यातायात के लिए रूट डायवर्जन किया
इस वर्ष के उत्सव में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। जलाभिषेक के लिए आने वाले भक्तों हेतु रूट डायवर्जन किया गया है ताकि यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके। साथ ही, सभी प्रमुख मंदिरों पर ड्रोन कैमरों के माध्यम से निरंतर निगरानी रखी जा रही है। इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना है।

सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए : एसपी गोंडा
गोंडा पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि लाखों शिवभक्त पहले ही जलाभिषेक कर चुके हैं। अभी भी लाखों शिवभक्त जलाभिषेक कर रहे हैं। सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सभी मंदिरों पर ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है।  

भगवान भोलेनाथ पूरी करते हैं मनोकामनाएं
कजरी तीज के इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं का विश्वास है कि भगवान शिव और माता पार्वती उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे। यही कारण है कि लोग इतनी दूर से पैदल चलकर आते हैं। कई भक्त 35 से 45 किलोमीटर की दूरी तय करके सरयू नदी से जल लेकर आते हैं। यह यात्रा न केवल शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

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