गोरखपुर महायोजना-2031 आज से लागू : ढाई लाख की आबादी को मिलेगा बड़ा फायदा, वैध हो जाएंगी 25 कॉलोनियां

UPT | गोरखपुर विकास प्राधिकरण।

Mar 07, 2024 17:10

प्रदेश सरकार ने गोरखपुर महायोजना-2031 को इसी साल 18 जनवरी को स्वीकृति प्रदान की थी, लेकिन जीडीए ने इसमें जनहित के कई मुद्दों को शामिल करने के बाद संशोधन के लिए शासन को पत्र भेजा था।

Gorakhpur News : शहर क्षेत्र में आने वाले लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। गोरखपुर महायोजना 2031 आज प्रकाशित होने के बाद प्रभावी हो जाएगी। इसके लागू होने से न सिर्फ शहर का तेज गति से विकास होगा बल्कि विनियमितिकरण के पेंच में फंसी कॉलोनियां भी वैध हो जाएंगी। दरअसल 25 से अधिक ऐसी कॉलोनियां हैं जो अवैध हैं और यहां रहने वाली करीब ढाई लाख की आबादी को तमाम तरह की दुश्वारियां का सामना करना पड़ता है। अब महायोजना लागू होने के साथ ही उनकी तमाम समस्याएं खत्म हो जाएंगी। 

प्राधिकरण की बैठक में लिया गया निर्णय
बुधवार को प्राधिकरण के अध्यक्ष व मंडल आयुक्त अनिल ढींगरा की मौजूदगी में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर इसमें ग्रीन बेल्ट से लेकर विनियमित क्षेत्र तक बड़ी आबादी को राहत दी गई है। 

18 जनवरी को प्रदान की गई थी स्वीकृति
प्रदेश सरकार ने गोरखपुर महायोजना-2031 को इसी साल 18 जनवरी को स्वीकृति प्रदान की थी, लेकिन जीडीए ने इसमें जनहित के कई मुद्दों को शामिल करने के बाद संशोधन के लिए शासन को पत्र भेजा था। 28 फरवरी को जारी शासनादेश में गोरखपुर महायोजना पुनरीक्षण में निर्णय के लिए जीडीए को अधिकृत किया गया था। इसके साथ ही 28 फरवरी को जारी शासनादेश एक सीमा तक संशोधित कर दिया गया। अब महायोजना लागू होने के बाद जिन लोगों को नोटिस भेजकर ध्वस्तीकरण की चेतावनी दी गई थी, उन्हें भी वापस ले लिया जाएगा।

मेडिकल कॉलेज के दक्षिण में 30 मीटर की बजाय 18 मीटर ही रहेगा महायोजना मार्ग
गोरखपुर महायोजना में मेडिकल कॉलेज के दक्षिण में 30 मीटर का मार्ग प्रस्तावित था, लेकिन कई अड़चनों को देखते हुए बोर्ड की बैठक में इसमें संशोधन कर बड़ी राहत पहुंचाई गई है। अब महायोजना मार्ग को 30 मीटर की बजाय 18 मीटर रखे जाने का निर्णय लिया गया है। मंडल आयुक्त अनिल ढींगरा ने सर्वानुमति से निर्देशित किया कि गोरखपुर महायोजना पुनरीक्षित के प्रतिवेदन में इस निर्णय का अलग से उल्लेख किया जाए।

25 कॉलोनियां होंगी वैध
गोरखपुर महायोजना 2031 लागू होने के बाद 25 कॉलोनियां विनियमित हो जाएंगी। यहां के लोग भी नक्शा पास कराकर घर बनाने के लिए लोन ले सकेंगे। दरअसल 2001 महायोजना के बाद से ही शहर क्षेत्र में करीब ढाई हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली कॉलोनियां विनियमितिकरण के चक्कर में काफी नुकसान उठा रही थीं। यहां के रहने वाले जब भी नक्शा पास करने के लिए आवेदन करते थे तो उनकी कॉलोनी को विनियमितीकरण न होने का हवाला देकर वापस कर दिया जाता था।

दरअसल 2001 महायोजना के अनुसार, तब बड़े हरित क्षेत्र में कॉलोनियों का विकास हुआ। जैसे-जैसे लोग मकान बनवा कर रहने लगे वैसे ही जीडीए ने उनकी कालोनी को अवैध बात कर उन्हें नोटिस जारी करना शुरू कर दिया। सूत्रों के मुताबिक 8000 से अधिक नोटिस पर आगे की प्रक्रिया जारी थी, लेकिन अब महायोजना-2031 लागू होने के बाद सारे नोटिस वापस ले लिए जाएंगे। 

ये कॉलोनियां हो जाएंगी वैध
रामजानकीनगर, शक्तिनगर, टैगोरनगर, आदित्यपुरम, महादेवपुरम, अजयनगर, जफर कॉलोनी, गायत्रीनगर, झरना टोला, नंदानगर, इंदिरानगर, राजीवनगर, साकेतनगर, शिवाजीनगर, शुभम कॉलोनी, पार्वतीनगर, सिद्धार्थनगर, सैनिक कुंज, सैनिक विहार।

इनका ये है भू-उपयोग
जिन कॉलोनियों को प्रतिबंध मुक्त किया जा रहा है, उनमें से 7 कॉलोनियों का इस समय खुला क्षेत्र भू-उपयोग है। 5 कॉलोनियों में कृषि, 5 में वाणिज्यिक, 3 में औद्योगिक, 2 में एयरपोर्ट एरिया, 1 में आवासीय, 1 में ट्रांसपोर्टेशन व 1 में सार्वजनिक भू-उपयोग निर्धारित है।

ये लोग हैं कमेटी में शामिल
प्राधिकरण बोर्ड ने व्यावहारिक नीति बनाने के लिए गठित की कमेटी शासन की ओर से 28 फरवरी को जारी शासनादेश में प्रतिबंधित जोन, जो महायोजना-2001 में ग्रीन बेल्ट और ग्रीन बेल्ट से अलग भू-उपयोग के रूप में प्रस्तावित था, उसके संबंध में व्यावहारिक नीति बनाने के लिए प्राधिकरण बोर्ड को अधिकृत किया गया था। जीडीए बोर्ड की मीटिंग में प्राधिकरण के वीसी आनंद वर्द्धन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई। इसमें डीएम की ओर से नामित प्रतिनिधि, नगर आयुक्त, मुख्य नगर व ग्राम नियोजक उत्तर प्रदेश के नामित प्रतिनिधि, प्रभागीय वन अधिकारी गोरखपुर, आवास आयुक्त उत्तर प्रदेश आवास व विकास परिषद के नामित प्रतिनिधि, मुख्य कोषाधिकारी गोरखपुर, अधिक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग गोरखपुर, मुख्य अभियंता नगर निगम, प्राधिकरण बोर्ड के गैर सरकारी सदस्य शामिल हैं।

150 मीटर होगा बाढ़ क्षेत्र
महायोजना के लिए हुई बैठक में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के संदर्भ में भी व्यापक चर्चा की गई। इसमें 150 मीटर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र रखने पर सहमति जताई गई। उसके नीचे उसके नीचे मनोरंजनात्मक क्षेत्र रहेगा, लेकिन यह निर्णय मोरफ़ोलॉजिकल स्टडी रिपोर्ट पर और स्पष्ट हो सकेगा। बोर्ड की बैठक में सर्वानुमति से महायोजना 2021 पुनरीक्षित के प्रतिवेदन में सिंचाई विभाग की रिपोर्ट को अलग से जोड़ने की अनुमति प्रदान की गई। इससे नदियों के किनारे रिवर फ्रंट और उनके सुंदरीकरण में कोई अड़चन नहीं आएगी।

क्या बोले कमिश्नर
सरकार की मंशा के अनुरूप गोरखपुर महायोजना-2031 की सभी सिफारिशें लागू कर दी गई हैं। इसमें ग्रीन फील्ड में ध्वस्तीकरण के निर्णय को भी वापस ले लिया गया है। इससे करीब ढाई लाख की आबादी को सहूलियत मिलेगी।
 

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