गोरखपुर महोत्सव के समापन पर सीएम योगी का संबोधन : कहा- यूपी और भारत को जानने का अवसर है महाकुंभ

UPT | CM Yogi Adityanath

Jan 12, 2025 19:32

गोरखपुर महोत्सव 2025 के औपचारिक समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ भारत और दुनिया के लोगों को उत्तर प्रदेश और भारत को जानने का अद्भुत अवसर प्रदान करता है...

Gorakhpur News : गोरखपुर महोत्सव 2025 के औपचारिक समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ भारत और दुनिया के लोगों को उत्तर प्रदेश और भारत को जानने का अद्भुत अवसर प्रदान करता है। इस बार महाकुंभ का आयोजन 144 वर्षों के बाद विशिष्ट मुहूर्त पर हो रहा है, जो इसे और भी विशेष बनाता है। सीएम ने कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक विरासत को संजोने और समझने का एक अभूतपूर्व अनुभव है। साथ ही, उन्होंने महाकुंभ के महत्व और तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की।

महाकुंभ और गोरखपुर महोत्सव का संगम
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर महोत्सव के समापन के अवसर पर 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ के आयोजन की जानकारी दी। महाकुंभ में 40 करोड़ लोग भाग लेंगे, जो भारत और चीन के अलावा दुनिया के किसी भी देश की आबादी से अधिक है। महाकुंभ में नाग वासुकी, ज्योतिर्लिंगों और चार धामों के दर्शन का भी अवसर मिलेगा। सीएम ने महाकुंभ के आयोजन से जुड़ी सुविधाओं और धार्मिक महत्व पर प्रकाश डाला और श्रद्धालुओं से मकर संक्रांति पर बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की अपील की।



लोक संस्कृति और परंपरा को महोत्सव का मंच
सीएम योगी ने कहा कि लोक परंपराएं और लोक गाथाएं राष्ट्र की संजीवनी होती हैं। गोरखपुर महोत्सव का उद्देश्य इन परंपराओं को आगे बढ़ाने और स्थानीय कलाकारों, किसानों, और उद्यमियों को मंच प्रदान करना है। उन्होंने महोत्सव के दौरान लोक कलाकारों और शिल्पकारों के योगदान को सराहा और कहा कि यह महोत्सव उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा। गोरखपुर महोत्सव के दौरान टेराकोटा और शहद उत्पादन जैसे क्षेत्रों में भी विशेष प्रदर्शन हुआ, जिसे देखकर स्थानीय लोग प्रेरित हुए।

गोरखपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर को धार्मिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और साहित्यिक विरासत से संपन्न शहर बताया। उन्होंने कहा कि गोरखपुर महायोगी भगवान गोरखनाथ की साधना स्थली है और इस शहर की आध्यात्मिक परंपरा भारत की धार्मिक धारा को प्रभावित करती है। गोरखपुर में स्थित गीताप्रेस ने भारतीय धार्मिक साहित्य को एक नया आयाम दिया है। इसके अलावा, कुशीनगर, मगहर जैसे धार्मिक स्थल भी इस क्षेत्र को विशेष बनाते हैं, जो इतिहास, संस्कृति और आस्था से जुड़े हैं।  

स्वामी विवेकानंद का स्मरण
12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके आदर्शों का स्मरण करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद ने दुनिया में भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धारा को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का योगदान युवाओं को प्रेरणा देने वाला है। उन्होंने मकर संक्रांति और महाकुंभ के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दीं और स्वामी विवेकानंद की महान विरासत को याद किया। उनका जीवन हमें भारत की महानता को समझने की प्रेरणा देता है।

गोरखपुर रत्न से सम्मानित पांच विभूतियां
गोरखपुर महोत्सव के समापन समारोह में मुख्यमंत्री ने पांच विभूतियों को ‘गोरखपुर रत्न’ से सम्मानित किया। यह सम्मान क्षेत्र के वरिष्ठ रंगकर्मी केसी सेन, प्रगतिशील किसान राजू सिंह, अंतरराष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी शगुन कुमारी, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. बी. बी. त्रिपाठी, और वैज्ञानिक डॉ. साहिल महफूज को दिया गया। सीएम योगी ने इन विभूतियों के क्षेत्र में योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह सम्मान उनके कार्यों और प्रेरणादायक उपलब्धियों को दर्शाता है।  

समारोह में अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
गोरखपुर महोत्सव के समापन समारोह में मुख्यमंत्री के अलावा कई प्रमुख नेताओं और अधिकारियों की उपस्थिति रही। इनमें सांसद रविकिशन शुक्ल, राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक फतेह बहादुर सिंह, और अन्य गणमान्य व्यक्तित्व शामिल थे। आयोजन की अध्यक्षता मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने की, जिन्होंने महोत्सव के विविध कार्यक्रमों और सफलता पर विस्तार से जानकारी दी। यह समारोह गोरखपुर के विकास और सांस्कृतिक समृद्धि को प्रमोट करने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

सुधीर व्यास के भजनों का आनंद
गोरखपुर महोत्सव के समापन समारोह में मुख्यमंत्री ने इंदौर से आए प्रसिद्ध गायक सुधीर व्यास के भजनों का आनंद लिया। सीएम योगी ने मंच से उतरकर भजन कार्यक्रम में भाग लिया और वहां उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ मिलकर भजन गाए। सुधीर व्यास के भजन कार्यक्रम ने महोत्सव में एक धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण पैदा किया, जिससे उपस्थित लोग अभिभूत हो गए। सीएम ने इस मौके पर भक्ति संगीत के माध्यम से प्रदेश की आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस किया।

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