Gorakhpur News : भोजन पाकर शांत हुए भेड़िये, अब मुख्य बाड़े में रखने की हो रही तैयारी

UPT | चिड़ियाघर में नर भेड़िया।

Oct 15, 2024 12:04

बहराइच से रेस्क्यू कर गोरखपुर लाए गए भेड़ियों के व्यवहार में बदलाव आया है। दोनों को डेढ़ महीने से चिड़ियाघर के रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। नर और मादा दोनों भेड़िए अब शांति से खाना खा रहे हैं और किसी को देखकर आक्रामकता नहीं दिखा रहे हैं।

Short Highlights
  • चिड़ियाघर के रेस्क्यू सेंटर में मौजूद हैं नर और मादा भेड़िए 
  • डेढ़ माह तक क्वारंटीन सेल में रहने के बाद शांत हुआ व्यवहार
Gorakhpur News : गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में बहराइच से रेस्क्यू किए गए दो भेड़ियों के व्यवहार में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिल रहा है। यह परिवर्तन न केवल चिड़ियाघर प्रशासन के लिए उत्साहजनक है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी है।

पिछले डेढ़ महीने से चिड़ियाघर के रेस्क्यू सेंटर रखा गया
पिछले डेढ़ महीने से, एक नर और एक मादा भेड़िया चिड़ियाघर के रेस्क्यू सेंटर में रह रहे हैं। इस दौरान उनके व्यवहार में धीरे-धीरे लेकिन स्पष्ट बदलाव दिखाई दिए हैं। जो जानवर पहले आक्रामक और अशांत थे, वे अब शांति से अपना भोजन ग्रहण कर रहे हैं। इतना ही नहीं, अब वे लोगों को देखकर आक्रामक प्रतिक्रिया नहीं दिखाते। उनमें यह बदलाव देखकर चिड़ियाघर प्रशासन अब उन्हें मुख्य बाड़े में रखने की तैयारी कर रहा है। यहां रखने के बाद दर्शक भी उन्हें देख सकेंगे। इसके लिए उच्चाधिकारियों को प्रस्ताव भेजा गया है। निर्देश मिलते ही उन्हें बाड़े में शिफ्ट कर दिया जाएगा।


प्राणि उद्यान में भेड़ियों का बाड़ा खाली 
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में भेड़ियों का बाड़ा खाली है। काफी समय से चिड़ियाघर प्रशासन दूसरे चिड़ियाघर से भेड़िया लाने की कोशिश कर रहा था। कुछ जगहों पर बातचीत भी हुई। इसी बीच बहराइच से दो भेड़ियों को रेस्क्यू किया गया। नर भेड़िये को 29 अगस्त और मादा भेड़िये को 10 सितंबर को रेस्क्यू किया गया। उन पर बहराइच के गांवों में घूमकर ग्रामीणों पर हमला करने का आरोप था। वे आदमखोर हो चुके हैं, इसलिए उन्हें वापस जंगल में नहीं छोड़ा जा सकता।

नाइट सेल और बाड़े में शिफ्ट करने की योजना
चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि दोनों भेड़िये पूरी तरह स्वस्थ हैं। उनके व्यवहार में काफी बदलाव आया है। इसलिए उन्हें रेस्क्यू सेंटर से नाइट सेल और बाड़े में शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है।

Also Read