Anti Filaria Campaign : यूपी में पिछले राउंड में 20 प्रतिशत लोगों ने दवा खाने से किया इनकार, इस बार खास फोकस

UPT | Anti Filaria Campaign

Jan 28, 2025 11:29

प्रदेश के 14 जिलों के 45 ब्लॉकों में एमडीए राउंड की निगरानी को मजबूत करने का निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा कि हर जिले में माइक्रोप्लान तैयार किया जाए और प्रतिदिन यह समीक्षा की जाए कि लक्ष्य प्राप्त करने में कितनी प्रगति हुई है।

Lucknow News : प्रदेश में 10 फरवरी से फाइलेरिया रोधी अभियान मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) शुरू हो रहा है। इस अभियान का उद्देश्य 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करना है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरपी सिंह सुमन ने कहा कि दवा सेवन से इनकार करने वाले लोगों को समझाना और दवा खिलाना स्वास्थ्य कर्मियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने इस अभियान का संदेश दिया: 'अगली पीढ़ी को बचाना है तो फाइलेरिया की दवा खाना है।'

14 जिलों के 45 ब्लॉकों में सख्त निगरानी का निर्देश
प्रदेश के 14 जिलों के 45 ब्लॉकों में एमडीए राउंड की निगरानी को मजबूत करने का निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा कि हर जिले में माइक्रोप्लान तैयार किया जाए और प्रतिदिन यह समीक्षा की जाए कि लक्ष्य प्राप्त करने में कितनी प्रगति हुई है। केवल कठोर निगरानी और ठोस प्रयासों से 100 प्रतिशत कवरेज का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।

पिछले अभियान की सीख और इस बार की रणनीति
राज्य फाइलेरिया अधिकारी डॉ. ए.के. चौधरी ने बताया कि पिछले राउंड में लगभग 20 प्रतिशत लोगों ने दवा खाने से इनकार कर दिया था। इस बार, स्वास्थ्य कर्मियों के सामने दवा खिलाने की रणनीति बनाई गई है। इसके अलावा, दवा के संभावित दुष्प्रभावों के प्रबंधन के लिए रैपिड रिस्पांस टीम को सक्रिय रखने पर जोर दिया गया है।

रिफ्युजल कन्वर्जन: चुनौती और समाधान
रिफ्युजल केसों पर चर्चा करते हुए पीसीआई इंडिया की वरिष्ठ निदेशक, राजश्री दास और एसोसिएट निदेशक, रणपाल सिंह ने बताया कि दवा सेवन में इनकार के मुख्य कारणों में शामिल हैं-
  • दवा के दुष्प्रभावों का डर
  • सरकारी दवाओं पर अविश्वास
  • फाइलेरिया के खतरे के प्रति जागरूकता की कमी
  • स्वास्थ्य के प्रति चिंताएं
  • इन सभी चुनौतियों को सामूहिक प्रयासों और जागरूकता अभियान के जरिए दूर किया जा सकता है।

अभियान में रिफ्युजल कन्वर्जन का महत्व
कार्यशाला में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक, डॉ. अमित ओझा ने कहा कि यदि रिफ्युजल मामलों को सुलझाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को दवा खिलाई गई, तो यह अभियान एक मील का पत्थर साबित होगा। पीसीआई इंडिया के ध्रुव प्रकाश सिंह ने भी इसे एमडीए की सफलता का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।

दवा सेवन के लाभों पर जागरूकता जरूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ. तनुज और पाथ के डॉ. शोएब अनवर ने इस अभियान में दवा के लाभों को लोगों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब लोगों को यह समझाया जाएगा कि फाइलेरिया से बचाव में दवा कितनी महत्वपूर्ण है, तभी वे इसे खाने के लिए तैयार होंगे।

कार्यशाला में शामिल अधिकारी और प्रतिभागी
लखनऊ में आयोजित इस राज्यस्तरीय कार्यशाला में 14 जिलों लखनऊ, उन्नाव, बाराबंकी, अमेठी, बलिया, बरेली, चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, प्रयागराज, और सोनभद्र के स्वास्थ्य अधिकारी और राष्ट्रीय कार्यक्रम के प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यशाला का आयोजन पीसीआई इंडिया के सहयोग से किया गया।

इस बार का लक्ष्य : फाइलेरिया मुक्त प्रदेश
इस कार्यशाला के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य फाइलेरिया के खतरे को समाप्त करना है। इस दिशा में, स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों को ठोस रणनीति और समर्पित प्रयास करने की अपील की गई है। यह अभियान प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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