उपभोक्ता परिषद ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि दिसंबर 2024 में जो मसौदा पास किया गया था, उसमें जो भी कमियां सामने आई है, उसकी सीबीआई जांच कराई जाए। प्रदेश के उपभोक्ताओं के तरफ से संगठन को ये जानने का पूरा अधिकार है कि निजीकरण करने की दिशा में जल्दबाजी में वित्तीय व तकनीकी मानकों का उल्लंघन क्यों किया गया।