चीन से ऑपरेट हो रहा यूपी में डिजिटल अरेस्ट गैंग : एसटीएफ ने वीपीएन से किया ट्रैक, सात गिरफ्तार

UPT | चीन से ऑपरेट हो रहा यूपी में डिजिटल अरेस्ट गैंग

Nov 19, 2024 13:10

यूपी एसटीएफ ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सात ठगों को गिरफ्तार किया है। ये ठग कंबोडिया में पाकिस्तानी और चीनी नेटवर्क से प्रशिक्षण लेकर भारत लौटे थे। गिरोह का मास्टरमाइंड पंकज सुरेला है, जो मार्च 2024 में कंबोडिया गया था।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सात ठगों को गिरफ्तार किया है। ये ठग कंबोडिया में पाकिस्तानी और चीनी नेटवर्क से प्रशिक्षण लेकर भारत लौटे थे। गिरोह का मास्टरमाइंड पंकज सुरेला है, जो मार्च 2024 में कंबोडिया गया था। वहां उसने साइबर अपराध के उन्नत तरीकों की ट्रेनिंग ली और भारत आकर ठगी के लिए गिरोह बनाया। एसटीएफ ने इन्हें वीपीएन यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क ट्रेनिंग से ट्रैक किया।

लखनऊ के डॉक्टर से ठगे 48 लाख, एसटीएफ ने पकड़ा सुराग
गिरोह की गतिविधियों का खुलासा तब हुआ जब उन्होंने लखनऊ के एक डॉक्टर से 48 लाख रुपये ठग लिए। शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ ने जांच शुरू की और गिरोह के ठिकानों की लोकेशन ट्रेस की। जांच के दौरान गुरुग्राम के एक होटल में गिरोह के सदस्यों के छिपे होने की जानकारी मिली। 15 दिनों तक रेकी के बाद एसटीएफ ने होटल में छापा मारा और सात ठगों जिनके नाम पंकज सुरेला मास्टरमाइंड, सागर सिंह, सनी वर्मा,अंशुल माहौर, अभय सिंह, राजकुमार सिंह, संदीप दोहरे को गिरफ्तार कर लिया।



178 फर्जी बैंक खाते और 133 वॉट्सऐप चैट बरामद
गिरफ्तार आरोपियों के पास से 178 फर्जी बैंक खातों की जानकारी, 6 मोबाइल फोन, 2 एटीएम कार्ड, फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और 133 वॉट्सऐप चैट बरामद की गई हैं। आरोपियों ने कबूल किया कि वे कंबोडिया में पाकिस्तानी और चीनी प्रशिक्षकों से जुड़कर ठगी के उन्नत तरीके सीखते थे।

युवाओं की पढ़ाई और गिरोह का मॉडल
गिरोह में शामिल सदस्य 21 से 28 वर्ष के बीच के हैं, जो बीटेक, बीबीए और बीकॉम जैसे पाठ्यक्रमों के स्नातक हैं। वे वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) और फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके ठगी को अंजाम देते थे। गिरोह का दावा है कि फर्जी बैंक खातों में आए रुपये का 30 प्रतिशत कमीशन उन्हें मिलता था।

गुरुग्राम से ऑपरेट होता था पूरा नेटवर्क
एसटीएफ की जांच में पता चला कि गिरोह गुरुग्राम के एक होटल से ऑपरेट कर रहा था। मास्टरमाइंड पंकज सुरेला ने बताया कि वह कंबोडिया केवल ट्रेनिंग के लिए नहीं, बल्कि बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क का हिस्सा बनने गया था।

दीपावली पर 36 लाख की ठगी
गिरोह ने दीपावली के आसपास 36 लाख रुपये की ठगी की, जिसमें से 7 लाख रुपये कमीशन के रूप में वितरित किए गए। इन रुपयों का उपयोग कंबोडिया में एक और सदस्य को भेजने की योजना बनाने के लिए किया गया था, ताकि वहां से कॉलिंग के जरिए ठगी का दायरा और बढ़ाया जा सके।

भारतीयों को निशाना बनाने की साजिश
गिरफ्तार ठगों ने खुलासा किया कि कंबोडिया में उन्हें सिखाया गया था कि कैसे फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को डराया जाए और उनसे रकम वसूली जाए। गिरोह भारतीय नागरिकों को कानूनी कार्रवाई का भय दिखाकर उनसे करोड़ों रुपये ठग चुका है। मामले की जांच जारी है और पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

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